दंतेवाड़ा( सेंट्रल छत्तीसगढ़): लोन वर्राटू अभियान के 1 साल पूरे होने पर आत्मसमर्पण करने वाले 19 नक्सलियों को कोरोना वैक्सीन की पहली डोज लगवाई गई. (corona vaccination of Surrendered Naxalites) पुलिस और प्रशासन ने सरेंडर नक्सलियों को टीका लगवाया है. दंतेवाड़ा जिले में लोन वर्राटू अभियान (Lone Verratu Campaign ) चलाया जा रहा है. इसके तहत 400 से ज्यादा नक्सली हथियार डाल चुके हैं. मुख्यधारा में लौटने के बाद सरेंडर कर चुके नक्सली शासन की नीति का लाभ ले रहे हैं.
सरेंडर कर चुके नक्सलियों को लगाई गई कोरोना वैक्सीन
पुलिस अधीक्षक अभिषेक (SP Abhishek Pallav) पल्लव ने बताया कि लोन वर्राटू पार्ट-2 के तहत 19 सरेंडर नक्सलियों का वैक्सीनेशन किया गया. जिनका टीकाकरण कराया गया, वे अंदरूनी क्षेत्रों के रहने वाले हैं. पुलिस और प्रशासन ने कैंप लगाकर वैक्सीन लगवाई है. एसपी ने कहा कि अगले 7 दिन के दौरान 3 साल में सरेंडर करने वाले सभी 450 नक्सलियों को कोरोना का टीका लगाया जाएगा. एसपी ने कहा कि वो नक्सलियों को संदेश देना चाहते हैं कि आत्मसमर्पण करने पर उनका इलाज कराया जाएगा. इससे वे अपनी और ग्रामीणों की जान बचा सकते हैं. (corona vaccination)
क्या है लोन वर्राटू अभियान ?
लोन वर्राटू गोंडी शब्द है जिसका अर्थ ‘घर वापस आइए’ होता है. इस अभियान से ग्रामीणों को जोड़ने के लिए पुलिस ने सरेंडर कर चुके नक्सलियों के नाम बैनर में लगाए हैं. ताकि ग्रामीण अपने उन लोगों को यह बात बता सके जो लाल आतंक से जुड़े हुए हैं. ग्रामीण भी अपने गांव के नक्सलियों को आत्मसमर्पण कर मुख्यधारा से जुड़ने की अपील कर रहे हैं. यही वजह है कि लोन वर्राटू अभियान के तहत आदिवासी ग्रामीण लगातार नक्सल संगठन छोड़ मुख्यधारा से जुड़ रहे हैं.
1 साल पहले शुरू हुआ था लोन वर्राटू अभियान
दंतेवाड़ा पुलिस ने जून 2020 को लोन वर्राटू अभियान (घर वापस आइए अभियान) की शुरुआत की थी. पुलिस ने ग्राम पंचायतवार नक्सलियों की सूची जारी कर गांवों में चस्पा कराया था. इस अभियान के शुरू होने के बाद अब तक 99 इनामी सहित 375 नक्सलियों ने हथियार डाल सरेंडर किया है. सरेंडर करने वाले नक्सलियों में कई कमांडर स्तर के भी नक्सली शामिल हैं. वहीं इस अभियान की तारीफ सीएम भूपेश बघेल भी कर चुके हैं. (anti naxal operation )
सरेंडर नक्सलियों का बन रहा पहचान पत्र
सरेंडर नक्सलियों के आधार कार्ड, राशन कार्ड और वोटर आईडी कार्ड जैसी सरकारी दस्तावेज भी बनवाए जा रहे हैं. इन आदिवासियों के बैंक खाते खुलवाकर प्रोत्साहन राशि भी भेजी जा रही है. आधार कार्ड बन जाने से समर्पित नक्सलियों को शासकीय योजनाओं का लाभ देने की भी योजना है. उन्हें अब खेती-बाड़ी और अन्य कार्यों के लिए लोन भी मिल सकेगा. (Identity card of surrendered Naxalites )
आवास की भी सुविधा मिलेगी
एसपी अभिषेक पल्लव ने बताया कि पिछले 3 सालों में लगभग 450 नक्सलियों ने आत्मसमर्पण किया है. इनमें ज्यादातर लोगों के पास आधार कार्ड और राशन कार्ड नहीं था. जिसके कारण इन लोगों को शासकीय योजनाओं का लाभ नहीं मिल पा रहा था. जिसे देखते हुए प्रशासन ने इनके पहचान पत्र बनवाने का जिम्मा उठाया है. इसके साथ उनके लिए रहने की भी व्यवस्था की जा रही है. जिन्हें खतरा महसूस हो रहा है उनके लिए प्रशासन लोन वर्राटू हब बना रहा है. उन्हें आवास और पट्टा दिया जाएगा.
लोन वर्राटू अभियान की खास बातें-
- इस अभियान में जो भी नक्सली सरेंडर कर रहे हैं, उनके लिए पुलिस और जिला प्रशासन उन्हें तत्काल रोजगार की व्यवस्था कर रहा है.
- सरेंडर नक्सलियों से बिल्डिंग, स्कूल, सड़क और पुल-पुलिया का निर्माण कार्य कराया जाता है, जिसे नक्सली नुकसान पहुंचा चुके होते हैं.
- सरेंडर नक्सली अपने गांव पंचायत के विकास कार्यों में योगदान दे रहे हैं.
- इस अभियान के तहत सरेंडर करने वालों में एक लाख से लेकर 10 लाख के इनामी नक्सली भी शामिल हैं.
पुलिस कर रही नक्सलियों से सरेंडर की अपील
बस्तर में पुलिस प्रशासन दावा कर रहा है कि नक्सली संगठन के बीच कोरोना संक्रमण फैला है. संक्रमण के कारण कई बड़े नक्सली कैडरों की मौत भी हुई है. ऐसे में बस्तर पुलिस लगातार नक्सलियों से सरेंडर करने की अपील कर रही है. प्रशासन का कहना है कि अगर नक्सली आत्मसमर्पण करते हैं तो सरकार उनका इलाज करवाएगी. इसके अलावा पुनर्वास योजना का लाभ भी दिया जाएगा.