कटघोरा: वनमंडल में मुख्यमंत्री वृक्षारोपण प्रोत्साहन योजना की कार्यशाला आयोजित.. रेंजर, कर्मियों व वन्य प्रतिनिधियों को दी गई योजना की विस्तृत जानकारी.. जाने.. कैसे साबित होगी यह फायदे की योजना.

कोरबा(सेंट्रल छत्तीसगढ़)हिमांशु डिक्सेना:- प्रदेश सरकार के माध्यम से ग्राम पंचायतों की जमीन पर गैर-काष्ठ प्रजाति के वृक्षारोपण को प्रोत्साहित करने और वृक्षारोपण के माध्यम सेकटघोरा: वनमंडल में मुख्यमंत्री वृक्षारोपण प्रोत्साहन योजना की कार्यशाला आयोजित.. रेंजर, कर्मियों व वन्य प्रतिनिधियों को दी गई योजना की विस्तृत जानकारी.. जाने.. कैसे साबित होगी यह फायदे की योजना. राज्य के किसानों की आय बढ़ाने के लिए मुख्यमंत्री वृक्षारोपण प्रोत्साहन योजना आरम्भ किया है. इस योजना के माध्यम से गैर वन क्षेत्रों मे इमारती-गैर इमारती, फलदार वृक्ष, बांस एवं लघु वनोपज और औषधीय पौधों का वृक्षारोपण करने पर हर एकड़ 10 हजार रूपए की प्रोत्साहन राशि प्रदान की जाएगी. जिन किसानों ने खरीफ वर्ष 2020 में धान की फसल ली है, यदि वे धान की फसल की जगह अपने खेतों में पेड़ लगाते हैं, तो उन्हें अगले 03 वर्षों के लिए प्रति एकड़ 10 हजार रुपये प्रति एकड़ की दर से प्रोत्साहन राशि प्रदान की जाएगी. इस योजना के तहत लाभार्थियों को दी जाने वाली राशि सीधे उन सभी के बैंक खाते में जमा की जाएगी.

इस योजना के तहत प्रदेशभर में वृक्षारोपण को बढ़ावा देने के लिए मुख्यमंत्री वृक्षारोपण प्रोत्साहन योजना की शुरुआत एक जून को की गई थी. योजना के तहत आमजन अपनी निजी भूमि पर, किसान अपने खेतों में और ग्राम पंचायतों तथा संयुक्त वन प्रबंधन समितियां राजस्व भूमि पर वृक्षारोपण कर सकेंगे. वृक्ष लगाने के लिए पौधों को निःशुल्क वितरण उपलब्धता अनुसार वन विभाग द्वारा किया जाएगा. इसके साथ ही सफल वृक्षारोपण के लिए दस हजार रूपए प्रति एकड़ के मान से प्रोत्साहन राशि भी शासन द्वारा दी जाएगी.

इस पूरी योजना से जुड़े एक अहम कार्यशाला का आयोजन आज कटघोरा वनमंडल कार्यालय में आयोजित किया गया. कार्यशाला का संचालन कटघोरा फॉरेस्ट डिपार्टमेंट के एसडीओ चन्द्रकांत टिकरिया के द्वारा किया गया. इस दौरान उन्होंने बताया कि निजी क्षेत्र, किसानों, शासकीय विभागों एवं ग्राम पंचायतों की भूमि पर इमारती-गैर इमारती प्रजातियों के वृक्षारोपण को प्रोत्साहित करने का लक्ष्य लेकर यह योजना शुरू की गई है. वृक्षारोपण से किसानों की आय बढ़ाने में भी यह योजना कारगर सिद्ध होगी. उन्होंने बताया कि गैर वनीय क्षेत्रों मे किसानों को धान के बदले इमारती-गैर इमारती, फलदार वृक्ष, बांस एवं लघु वनोपज तथा औषधीय पौधों का वृक्षारोपण करने पर प्रति एकड़ दस हजार रूपए की प्रोत्साहन राशि दी जाएगी. एसडीओ ने बताया जिन किसानों ने खरीफ वर्ष 2020 में धान की फसल ली हो, यदि वे धान की फसल के बदले अपने खेतों में वृक्षारोपण करते हैं तो उन्हें आगामी तीन वर्षों तक प्रतिवर्ष दस हजार रूपए प्रति एकड़ की दर से प्रोत्साहन राशि दी जाएगी. योजना का लाभ लेने के लिए छत्तीसगढ़ के सभी नागरिक निजी भूमि की उपलब्धतानुसार तथा सभी ग्राम पंचायतें एवं संयुक्त वन प्रबंधन समितियां पात्र होंगे.

उन्होंने बताया कि वन अधिकार मान्यता पत्र से मिले पट्टे वाले भूमि पर भी हितग्राहियों की सहमति से इमारती, फलदार, बांस, लघुवनोपज एवं औषधीय पौधों का रोपण किया जा सकेगा. योजना का लाभ प्राप्त करने के लिए रोपण के छह माह के भीतर संबंधित वन परिक्षेत्र कार्यालय में पंजीयन कराना अनिवार्य होगा. ग्राम पंचायतों एवं संयुक्त वन प्रबंधन समितियों के पास उपलब्ध राशि से यदि वाणिज्यिक वृक्षारोपण किया जायेगा तो एक वर्ष बाद सफल वृक्षारोपण की दशा में संबंधित ग्राम पंचायतों एवं संयुक्त वन प्रबंधन समितियों को शासन की ओर से दस हजार रूपए प्रति एकड़ की दर प्रोत्साहन राशि दी जाएगी.

कार्यशाला में हिस्सा लेने वालों में एसडीओ के अतिरिक्त वनमंडल कटघोरा के वन परिक्षेत्राधिकारी अशोक मन्नेवार, एतमनागर रेंजर शहादत खान, पसान रेंजर धर्मेंद्र चौहान, जटगा रेंज के अफसर सत्तू जायसवाल, उत्पादन शाखा प्रमुख मृत्युंजय शर्मा के अतिरिक्त विभिन्न बन समितियों के प्रबंधक व सदस्य, विभिन्न ग्राम पंचायत के प्रतिनिधि व बड़ी संख्या में स्थानीय दफ्तर के कर्मचारीगण मौजूद रहे. इसके अलावा समस्त डिवीजन के कर्मियों ने वर्चुअल रूप से अपनी मौजूदगी दर्ज कराई.