कोरबा (सेंट्रल छत्तीसगढ़) :- कोरबा जिले में किसानों के आर्थिक संवर्धन और फसलों तक पानी की पहुंच बनाने के लिए जिले की सिंचाई सुविधाओं में लगातार विस्तार किया जा रहा है। सिंचाई योजनाओं के विस्तार होने से जहां हर खेत को पानी मिल सकेगी, वहीं जल संवर्धन योजनाओं से किसानों को आर्थिक क्रियाकलापों में जुड़ने का अवसर भी प्राप्त होगा जिससे किसानों की आर्थिक स्थिति भी मजबूत होगी। जिला प्रशासन द्वारा विभिन्न जल संरक्षण एवं संवर्धन कार्यक्रमों के तहत सिंचाई का क्षेत्र बढ़ाने और भू-जल संरक्षण और संवर्धन के लिये जल स्त्रोतों, नदी-नालों और तालाबों को पुनर्जीवित करने का कार्य किया जा रहा है। जिले में 61 नए सिंचाई योजनाओं का विस्तार किया जा रहा है जिससे जिले की सिंचाई क्षमता में 10 प्रतिशत की वृद्धि होगी। इन योजनाओं में 48 निर्माणाधीन एवं 13 नवीन मद की योजनाएं शामिल हैं। इन योजनाओं के पूरा हो जाने से जिले की सिंचाई क्षमता 30 प्रतिशत से बढ़कर 43 प्रतिशत हो जाएगी। वर्तमान में एक वृहद जल परियोजना हसदेव बांगो परियोजना तथा अन्य 72 परियोजनाओं के अंतर्गत सिंचाई की जा रही है। नवीन परियोजनाओं के पूरा हो जाने से कुल 134 जल योजनाएं हो जाएंगी इससे जिले में सिंचाई क्षमता का बेहतर विस्तार हो जाएगा तथा किसानों को भी फसल उत्पादन करने में निश्चित रूप से लाभ मिलेगा।
कार्यपालन अभियंता जल संसाधन संभाग कोरबा ने बताया कि वर्तमान में 73 निर्मित सिंचाई योजनाओं और अन्य 15 हजार 695 सिंचाई योजनाओं से 44 हजार 834 हेक्टेयर रकबे में सिंचाई हो रही है। 48 निर्माणाधीन योजनाओं से दस हजार 657 हेक्टेयर रकबे में सिंचाई सुविधाओं का विस्तार होगा जिससे 7.91 प्रतिशत सिंचाई में वृद्धि होगी। नवीन मद अंतर्गत 13 योजनाओं से दो हजार 835 हेक्टेयर रकबे में सिंचाई हो सकेगी जिससे सिंचाई क्षमता में 2.10 प्रतिशत की वृद्धि होगी। सभी योजनाओं के पूरा हो जाने से जिले के कुल 58 हजार 326 हेक्टेयर रकबे में सिंचाई क्षमता सृजित हो जाएगी। जिले में सिंचाई का रकबा दुगना करने के लिए 48 निर्माणाधीन योजनाओं में से डी.एम.एफ. निधि से 22 योजनाएं संचालित की जा रही है, जिससे सिंचाई क्षमता सात हजार 647 हेक्टेयर हो जाएगी। डी.एम.एफ से निर्माणाधीन योजनाएं तथा कृषि विभाग द्वारा प्रस्तावित योजनाओं को शामिल करते हुए जिले का सिंचाई रकबे में 27 हजार 822 हेक्टेयर बढ़ोतरी का लक्ष्य रखा गया है।
कार्यपालन अभियंता ने बताया कि 48 निर्माणाधीन जलाशय एवं व्यपवर्तन योजनाओं में विकासखण्ड कटघोरा में 12, पोड़ी-उपरोड़ा में नौ, पाली में 12, कोरबा में 11 एवं विकासखण्ड करतला में चार योजनाएं निर्मित की जा रहीं हैं। 13 नवीन मद की योजनाओं के अंतर्गत विकासखण्ड कटघोरा में एक, पोड़ी-उपरोड़ा में तीन, पाली में पांच एवं विकासखण्ड कोरबा में चार योजनाएं शामिल हैं। सिंचाई क्षमताओं में विस्तार के लिए विकासखण्ड कटघोरा में कटघोरा व्यपवर्तन, गंगदेई व्यपवर्तन एवं तेंदुवाही व्यपवर्तन का विस्तार किया जा रहा है साथ ही खोलार नाला स्टाॅप डेम, तेलसरा ऐनिकट, फुलझर स्टाॅप डेम, कर्रानाला जलाशय, नानबांका स्टाॅप डेम, तिलईकुंडी स्टाॅप डेम, लक्ष्मण नाला एनिकट का भी विस्तार किया जा रहा है। इसी प्रकार विकासखण्ड पोड़ी-उपरोड़ा में रामपुर जलाशय, पाथा जलाशय, पुटवा व्यपवर्तन, कछुआ नाला एनिकट, नवामुड़ा स्टाॅप डेम, खुंटापारा स्टाॅप डेम, पनगंवा स्टाॅप डेम, जलके स्टाॅप डेम एवं कुम्हारी सानी एनिकट का विस्तार भी किया जा रहा है। विकासखण्ड पाली में खारून व्यपवर्तन, लोटनापारा व्यपवर्तन, मसुरिहा जलाशय, उतरदा जलाशय एवं कटसिरा जलाशय, मुनगाडीह एनिकट, गणेशपुर स्टाॅप डेम एवं धोबीनाला स्टाॅप डेम का विस्तार किया जा रहा है। विकासखण्ड कोरबा में सिंचाई क्षमता में विस्तार के लिए किए जा रहे निर्माण योजनाओं में धवननाला व्यपवर्तन, कोलगा जलाशय, सिंमकेंदा जलाशय, करूमौहा जलाशय एवं परसाखोला व्यपवर्तन, लबेद जलाशय, तुर्री नाला स्टाॅप डेम, गहनिया स्टाॅप डेम, फुलसरी जलाशय, गिरारी नहर, डोमनाला जलाशय एवं चिर्रा व्यपवर्तन शामिल हैं। विकासखण्ड करतला में बोरईनाला व्यपवर्तन, गिधौरी जलाशय एवं घिनारा व्यपवर्तन का विस्तार किया जा रहा है।