कोरबा (सेंट्रल छत्तीसगढ़) विनोद उपाध्याय:- पाली विकासखंड अंतर्गत ग्राम नोनबिर्रा निवासी चंद्रभवन सिंह गोड व उसकी पत्नी सुशीला बाई गोड अपने पुत्री के साथ ग्राम नोनबिर्रा एवं ग्राम पंचायत रतिजा के दोनों गांव के सिमा के बीच में अपना कच्चा मकान बनाया हुआ है जहां पर लगभग 20,-25 वर्षों से उस मकान में निवास कर रहे हैं ग्राम पंचायत रतिजा के सरपंच सचिव एवं रोजगार सहायक के द्वारा आदिवासी गरीब पीड़ित परिवार के घर को अपने कब्जे में लेकर गौठान बना दिया गया है गौठान के चारों तरफ तार की फेंसिंग लगा दिया गया है और सामने से गेट बंद कर दिए गए हैं,पीड़ित परिवारों को ऐसा लगता है कि वह सब जेल खाने में कैद हो गए हैं जब सरपंच सचिव से बात कही गई मेरे मकान को छोड़कर कुछ दूरी में गौठान बना ले फिर भी उसकी कच्चे मकान को नहीं छोड़ा जहां और लोग निवास कर रहे हैं जबकि उस जगह में प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत आवास आवंटन प्राप्त हुआ है जिसकी राशि ₹25000 निकाल चुके हैं साथ ही गरीब चंद्र भवन सिंह के परिवारों ने हरदी बाजार तहसील में 2016 में तहसील कार्यालय में जाकर ₹1000 का अर्थदंड भी दे चुका है एवं शासन की योजना के तहत उस जगह में शौचालय निर्माण हो गया है फिर भी रतिजा के सरपंच सचिव के द्वारा दबंगई पूर्वक उस मकान को अपने कब्जे में लेकर तार फेंसिंग करते हुए चारों तरफ से गौठान बना दिया गया है अब इन गरीब परिवारों को कहीं पर दूसरे जगह में घर बनाने को पंचायत के द्वारा कहा जा रहा है जबकि इनके पास एक भी रुपया पैसा नहीं है और तो और जो आवास बनाने के लिए सीमेंट भी लिया गया था अब वह सीमेंट भी पत्थर हो गया है जिसकी भरपाई स्वयं चंद्र भवन सिंह गौड़ कर रहे हैं ।।
वर्सन
खिलावन सिंह कंवर..सरपंच
ग्राम पंचायत रतिजा विकास खंड पाली .. पंचायत के द्वारा चंद्र भवन सिंह गौड़ को जाकर बोला गया था कि यह जगह शासकीय है और इस मकान को छोड़कर कहीं दूसरी जगह मकान बना लो और चारों तरफ से पंचायत के द्वारा गौठान बनाया गया है पंचायत के द्वारा चंद्र भवन को घर बनाने के लिए जगह दिया जाएगा जो अभी तक चिन्हा अंकित नहीं हुई है ।।