कटघोरा: लॉकडाउन का उल्लंघन करने वालो पर राजस्व विभाग द्वारा 3 लाख जुर्माने की राशि को जीवन दिप समिति को सौंपी गई..

कोरबा(सेंट्रल छत्तीसगढ़): कोरोनाकाल के दौरान बेवजह घूमने वाले, कोविड प्रोटोकॉल तोड़ने और क्षेत्र में प्रभावी प्रतिषेध (धारा 144) का उल्लंघन करने वाले लापरवाह लोगो पर जिला कलेक्टर किरण कौशल के निर्देशन व एसडीएम सूर्यकिरण तिवारी के मार्गदर्शन में कटघोरा के राजस्व विभाग की अलग-अलग टीमों ने विधिवत जुर्माने की कार्रवाई की थी. यह सभी कार्रवाई सबडिवीजन के कटघोरा, दर्री व दीपका तहसील क्षेत्रान्तर्गत की गई थी. उक्त कार्रवाई में राजस्व विभाग को बतौर अर्थदंड तीन लाख आठ हजार तीन सौ दस रुपये प्राप्त हुए थे. आज उक्त राशि को कटघोरा तहसीलदार रोहित सिंह की अगुवाई में जीवनदीप समिति के सुपुर्द किया गया. समिति की तरफ से यह राशि खण्ड के चिकित्साधिकारी डॉ रुद्रपाल सिंह कँवर ने प्राप्त किया. सुपुर्द की गई राशि का उपयोग कटघोरा अनुविभाग के अस्पतालों में स्वास्थ्य सुविधाओ के विस्तार, मरीजो को बेहतर सुविधा मुहैया कराने व चिकित्सा संसाधन बढ़ाने में किया जाएगा.

कटघोरा तहसीलदार रोहित सिंह से मिली जानकारी के अनुसार जेडीएस की रसीद के माध्यम से कटघोरा तहसील अंतर्गत 01 लाख 87 हजार 5 सौ, दर्री तहसील से 46 हजार 9 सौ दस व दीपका क्षेत्र से 73 हजार 9 सौ रुपये अर्थदंड के रूप में एकत्र हुए थे.

बता दे कि अमूमन राजस्व विभाग अपने विभागीय जुर्माने की नियमतः शासन के कोष में जमा करती है. हालांकि उक्त वसूली गई राशि कोरोनाकाल से सम्बंधित है लिहाजा प्रशासनिक अधिकारियों ने पहल करते हुए उक्त रकम का उपयोग कोविड महामारी के रोकथाम व आमजनो के सुरक्षा, सुविधा में खर्च करने का निर्णय लिया है. इस बारे में जेडीएस (जीवनदीप समिति) कटघोरा के विधायक प्रतिनिधि सौरभ शर्मा ने जिला कलेक्टर, एसडीएम व तहसीलदार के साथ समूचे राजस्व विभाग के अप्रति आभार व्यक्त किया है. उन्होंने चर्चा करते हिये बताया कि विभाग की यह पहल अनुकरणीय है. उक्त राशि का उपयोग प्राथमिक रूप से कोरोना महामारी से निबटने व कोविड अस्पतालों में कर्मियों की नियुक्ति के लिए किया जाएगा.

क्या है जीवनदीप समिति?

जीवनदीप समितियां अस्पताल की व्यवस्था को बेहतर बनाने के लिए स्थापित किया गया हैं. समिति को स्वतंत्र रूप से फंड एकत्रित करने का अधिकार दिया गया है. जेडीएस को अमूमन जांच शुल्क, अनुदान, दान से राशि मिलती है. वह जरूरत के हिसाब से डाक्टर और नर्स की नियुक्ति कर सकती है. यह वेतन भी अपने फंड से देती है.