रायपुर (सेन्ट्रल छत्तीसगढ़ ): कोरोना के बेहद मुश्किल में खाकी आपको चौक-चौराहों पर लोगों को रोकते, सुरक्षित करते नजर आती है. अस्पतालों में ऑक्सीजन पहुंचाने से लेकर कंधा देने का फर्ज निभाती है. रातों को गश्त करती है कि हम चैन से सोएं और कोई भूखा न सोए इसका भी ख्याल रखती है. राजधानी रायपुर के गोकुल नगर के प्रयास विद्यालय में ये खाना चौकी खुली है. टिकरापारा थाने में पदस्थ आरक्षक महेश नेताम भूखे और जरूरतमंदों को भोजन बनाकर खिला रहे हैं.
हमदर्द बनी रायपुर पुलिस, खाना खिलाकर भर रहे गरीबों का पेट
खाना चौकी की स्थापना
राजधानी के गोकुल नगर के प्रयास विद्यालय (Prayas Residential School Raipur) में पुलिस ने ‘खाना चौकी’ (khana chowki) शुरू की है. इस चौकी में जरूरतमंद और भूखे लोगों का भोजन तैयार किया जा रहा है. इस काम में 10 पुलिसकर्मी भोजन बनाने से लेकर उसकी पैकिंग और डिस्ट्रीब्यूशन में लगे हुए हैं. पुलिसकर्मियों के साथ प्रयास विद्यालय के बच्चे भी पूरा सहयोग कर रहे हैं.
खाने के पैकेट तैयार करते पुलिस जवान
मदद के लिए बढ़ रहे हाथ
पुलिस आरक्षक महेश नेताम और कुछ पुलिसकर्मियों ने मिलकर 5 दिन पहले खाना चौकी शुरू किया था. शुरुआत के दिनों में इन्होंने खुद अपना और अपने साथियों का पैसा लगाकर इस खाना चौकी की शुरुआत की. लेकिन जब इस बात का पता पुलिस के बड़े अधिकारी और दूसरे लोगों को हुई तो वे भी इस काम में सहयोग कर रहे हैं. पुलिस के बड़े अधिकारी और कुछ लोग अपने सामर्थ्य के हिसाब से राशन, सब्जी इस खाना चौकी में पहुंचा रहे हैं.
भोजन की पैकिंग कर रहे पुलिस जवान
हर दिन हजार पैकेट खाना हो रहा तैयार
सुबह और शाम इस खाना चौकी में 500-500 भोजन के पैकेट तैयार कर शहर के अलग-अलग जगहों पर बांटने के लिए निकलते हैं. इस काम में सरकारी या फिर निजी वाहन का उपयोग किया जाता है. पुलिसकर्मियों की ओर से शुरू किए गए खाना चौकी और आरक्षक महेश की तारीफ पुलिस के बड़े अधिकारी भी कर रहे हैं. खाना चौकी में भोजन बनाते वक्त सोशल डिस्टेंसिंग और भोजन की गुणवत्ता का खास ख्याल रखा जाता है. हाथों में ग्लब्स लगाकर काम किया जाता है.
लॉकडाउन में जरूरतमंदों को भोजन बांट रही पुलिस
10 पुलिस जवान के साथ बच्चे भी सेवा में जुटे
खाना चौकी में पुलिस विभाग के 10 पुलिस जवान और प्रयास विद्यालय के कुछ बच्चे भी सुबह और शाम सेवा कर रहे हैं. सबुह 8:00 बजे से 11:00 बजे तक और शाम को 4:00 से 7:00 तक इस खाना चौकी में खाना बनाने के बाद इसे बांटने के लिए शहर में निकलते हैं. लॉकडाउन और कोरोना के इस कठिन परिस्थितियों में सब कुछ भुला कर भोजन बांटने का काम कर रहे हैं. इसे एक सराहनीय प्रयास कहा जा सकता है.