शराब की होम डिलीवरी से लोग नाराज, कहा- दवा , वैक्सीन और राशन की चिंता करनी थी..

रायपुर(सेंट्रल छत्तीसगढ़): छत्तीसगढ़ मेंकोरोना के बिगड़ते हालात के बीच प्रदेश सरकार ने शराब की ऑनलाइन डिलीवरी शुरू कर दी गई है. सोमवार से प्रदेश भर में शराब की होम डिलीवरी (liquor home delivery) शुरू कर दी गई है. इसे लेकर राजनीतिक गलियारों से लेकर आम लोगों में भी जमकर नाराजगी देखी जा रही है. लोगों ने तर्क दिया है कि कोरोना के बिगड़ते हालात के बाद भी छत्तीसगढ़ में टीकाकरण केंद्रों में लंबी-लंबी लाइनें लगी हुई हैं. अस्पतालों में वेंटिलेटर और ऑक्सीजन से लेकर रेमिडीसीवर की दवा को लेकर लोग भटक रहे हैं. इन व्यवस्थाओं को दुरुस्त करने के बजाय सरकार शराब की होम डिलीवरी कर रही है. वहीं कोरोना से दिन-रात लड़ रहे डॉक्टरों ने भी इस फैसले को लेकर चिंता जाहिर की है.

शराब की होम डिलीवरी से लोग नाराज

पूर्व सीएम रमन सिंह ने साधा निशाना

शराब की होम डिलीवरी को लेकर विपक्षी दलों ने सरकार पर हमला बोला है. पूर्व सीएम रमन सिंह ने ट्वीट कर सरकार को घेरा है. रमन सिंह ने ट्विटर पर लिखा है कि ‘ भूपेश सरकार को शाबाशी दीजिए. कोरोना संकट में यह देश की पहली सरकार है जो शराब की होम डिलीवरी करेगी. आपके घर राशन, दवाई और वैक्सीने पहुंचे या नहीं. लेकिन शराब जरूर पहुंचेगी. सोचिए अस्पतालों में मरीज दम तोड़ रहे हैं लेकिन इस सरकार को बस शराबियों की चिंता है’

शराब बेचने से ज्यादा मरीजों पर ध्यान दे सरकार

बीजेपी प्रवक्ता अमित चिमनानी ने कहा प्रदेश में कोरोना से हालात भयावह हैं. अस्पतालों में मरीज जिंदगी को लेकर संघर्ष कर रहे हैं. वैक्सीनेशन के लिए लंबी-लंबी कतारें लगी हुई हैं. व्यवस्था सुधारने के बजाय सरकार शराब की ऑनलाइन डिलीवरी कर रही है. अच्छा होता सरकार दवाई, बेड, वैक्सीनेशन को लेकर कोई ऑनलाइन व्यवस्था करती. लेकिन लोगों की जान से ज्यादा सरकार की प्राथमिकता शराब बिक्री को लेकर है.

कोविड में शराब और भी ज्यादा जानलेवा

मेकाहारा अस्पताल के हृदय रोग विशेषज्ञ डॉक्टर कृष्ण कांत साहू ने बताया कि शराब वैसे ही काफी हानिकारक होती है. ज्यादा शराब पीने से हार्ट और लीवर में बहुत ज्यादा इफेक्ट आता है. इस कोविड के दौर में अगर पेशेंट लगातार शराब सेवन कर रहा है तो कोविड का अटैक और भी ज्यादा घातक हो सकता है. उन्होंने बताया कि कोरोना पहले ही लंग्स को डैमेज करता है. ऊपर से शराब से लीवर को नुकसान होता है. अगर ऑर्गन पहले से ही कमजोर हो तो शराब और ज्यादा घातक हो सकती है. ऐसे दौर में शराब के सेवन से बचना ज्यादा जरूरी है.

फैसले से आम लोगों में खासी नाराजगी

सरकार के इस फैसले को लेकर न केवल राजनीतिक गलियारों में बल्कि आम लोगों में भी खासी नाराजगी देखी जा रही है. लोगों को कहना है कि अस्पतालों में बेड, वेंटिलेटर, ऑक्सीजन सिलेंडर के लिए लूटमार मची हुई है. ऐसे में सरकार को सुविधा देने के बजाय शराब की होम डिलीवरी करना बेहद दु:खद है. हाल ही में कोविड की मार झेल चुके युवा व्यवसायी आकाश शर्मा ने बताया कि वे खुद कोरोना का शिकार हो चुके हैं. इसके दर्द को करीब से देखा है. उन्होंने कहा कि सरकार को शराब की होम डिलीवरी के बजाय सरकार कोरोना मरीजों का ध्यान दे. वैक्सीनेशन को लेकर बेहतर व्यवस्था करे.

‘शराब की होम डिलीवरी से और बढ़ेगा संक्रमण’

रायपुर के स्थानीय निवासी दीपक वर्मा ने बताया कि सरकार की नीति जिसमें उन्होंने वैक्सीनेशन से ज्यादा शराब की होम डिलीवरी को तवज्जो दिया है, सोचने पर मजबूर करती है. उन्होंने कहा कि घर-घर शराब डिलीवरी होने से कोरोना का संक्रमण और भी बढ़ सकता है. होम डिलीवरी की वजह से शराब पहुंचाने वाले कई लोगों के संपर्क में आएंगे, जो कोरोना कैरियर बन सकते हैं.