कोरबा(सेंट्रल छत्तीसगढ़):-रानीअटारी SECL कोयला उत्पादन में भारत में अपनी एक अलग पहचान रखता है लेकिन छ्त्तीसगढ़ के कोरबा जिले में SECL अपने उत्पादन से कई राज्यों को कोयले की आपूर्ति करता है जिले में कोरबी के पास स्थित रानी अटारी में विजय वेस्ट की भूमिगत खदान स्थित है लेकिन यहां के प्रबंधन की शिकायत लंबे अरसे से क्षेत्र वासियों के द्वारा सामने आ रही है..
अभी विजय वेस्ट SECL भूमिगत खदान का ताज़ा मामला आया है कि यहां CG12 AQ 7659 ने PIL चाम्पा के लिए कोयला परिवहन के लिए मुख्य द्वार पर टोकन लिया जाता है और प्रबंधन की लापरवाही कहें या जानबूझ कर कोयले की अफरा तफरी करने उक्त वाहन में कोयला लोडिंग होने के बाद PIL चाम्पा की जगह रायपुर के ड्रोलिया इंडस्ट्रीस के नाम का गेटपास बनाया जाता है और गाड़ी को मुख्य द्वारा से बाहर किया जाता है जब बाहर जाने के बाद परिवहन गाड़ी के ड्राइवर द्वारा रायपुर का कोयला परिवहन की सूचना दी जाती है तो प्रबंधन द्वारा ड्राइवर पर दबाव बनाया जाता है कि यह कोयला रायपुर लेकर जाना है.
प्रबंधन दे रहा सफाई कि गलती से हुई मिस्टेक.
जब मीडिया को इसकी जानकारी मिली तो उन्होंने इसकी जानकारी लेने प्रबंधन के प्रभारी सबेरिया मैनेजर मिंज से ली गई तो पहले वो बातों को गोलमोल जवाब देने लगे उसके बाद उन्होंने अपनी सफाई में कहा कि हां इसकी जानकारी मिली है कि PIL चाम्पा की जगह रायपुर का गेटपास बनाया गया है यह एक मिस्टेक है, और इसके लिए वाहन मालिकों से सामंजस्य बनाया जा रहा है. फिलहाल यह कोयला रायपुर जाएगा.
लोडिंग पर लगे ट्रेलरों से मुख्य मार्ग पर लगे नाके पर जबरन वसूली की जाती है बताया जाता है कि प्रबंधन द्वारा ग्राम पंचायत से नाका लगाकर ट्रक मालिकों से जबरन वसूली की जाती है. क्योंकि SECL द्वारा DMF द्वारा ग्राम विकास या सड़क के मरम्मत का कार्य किया जाता है .
विजय वेस्ट द्वारा इस तरह की गड़बड़ी पहली दफा नहीं कई बार इस तरह की गलती होने की जानकारी मिलते रहती है लेकिन खनिज संपदा का इस प्रकार से काला बाज़ारी करना या कहें गलती मानकर भी सुधार न करना साफ साफ साबित हो रहा है कि प्रबंधन की साँठगाँठ में कोयले की काला बाज़ारी का बड़ा खेल तो नही चल रहा कहीं ?