मुंगेली/मानसून के पहले 20 वर्षो से पड़ियाईन क्षेत्र में प्रवासी पक्षी आते है सहवास करने… बच्चे बड़े होने के बाद लौट जाते है अपने देश……


मुंगेली/हमारे देश की खूबसूरती को देखने ना सिर्फ विश्व भर से लोग यहां आते हैं बल्कि प्रवासी पक्षी भी यहां की खूबसूरती की दीवानी है इसी कड़ी में आदि काल से ही प्रवासी पक्षिया प्रवास के मौसम में भारत के कई जगहों में शरण लेती है छत्तीसगढ़ के मुंगेली जिले के पथरिया ब्लाक में इन दिनों रूस से आए प्रवासी पक्षियों ने शरण लिया हुआ है पड़ियाईन सहित आसपास के कई गांव में इन पक्षियों के आने से एक अलग सी सुंदरता देखी जा सकती है….

भारत देश यूं तो अपनी भौगोलिक सुंदरता व जनजाति विशेषता की वजह से पूरे विश्व में जानी जाती है. इस देश के हृदय स्थल पर बसा छत्तीसगढ़ नदी नाला झरना पर्वत पठार से भरा हुआ खूबसूरत राज्य है इस राज्य में विश्व भर से लोग हर मौसम में घूमने आया करते हैं… इस राज्य की दीवानगी इतनी हद तक है कि यहां न सिर्फ मनुष्य बल्कि पक्षियों ने भी डेरा जमा लिया है… विगत 20 सालों से प्रवासी पक्षियों इस राज्य के कई क्षेत्रों में आती हैं और प्रवास करने के पश्चात अपने देश लौट जाती हैं.. भारत सहित छत्तीसगढ़ आने वाले प्रवासी पक्षियों में सबसे ज्यादा रूस से आने वाली ब्लैक नेट सारस पर्यटकों के आकर्षण का केंद्र हर वर्ष बना रहता है.. मुंगेली जिला के पड़ियाइन ग्राम पंचायत में इन दिनों इन रशियन सारस पक्षियों ने डेरा जमाया हुआ है. इस गांव के हर वृक्ष में इन पक्षियों को भारी तादात में देखा जा सकता है

गांव वालों के अनुसार रशियन पक्षियों हर वर्ष यहां मानसून के पहले आती हैं और सहवास करती हैं अंडों से बच्चे निकलने के पश्चात वे अपने साथ उन्हें लेकर स्वदेश लौट जाती हैं, इन पक्षियों का इस गांव में हर वर्ष आना इस गांव के लिए वरदान साबित हो रहा है ग्रामीणों का मानना है इस क्षेत्र में हर वर्ष अकाल पढ़ता था परंतु जब से यह सारस पक्षीया यहां आ रही है तब से क्षेत्र में मानसून सही समय पर वह पर्याप्त मात्रा में आती है, जिसकी वजह से यह पूरा क्षेत्र खुशहाल हो चला है..

इस पूरे क्षेत्र के लिए वरदान साबित होने वाले इन सारस पक्षियों को कई क्षेत्रों में शिकारियों का शिकार भी होना पड़ता है परंतु ग्राम प डिजाइन सहित आसपास के सभी गांव में इन पक्षियों को भरपूर प्रोटेक्शन ग्रामीडो द्वारा दिया जाता है जिसके कारण इन प्रवासी पक्षियों की संख्या सर्वाधिक है गांव में इन पक्षियों के शिकार पर पूर्ण प्रतिबंध है और शिकार करने वाले शिकारी को भारी मात्रा में अर्थ सहित कठोर सजा का प्रावधान है ग्राम पडियाइंन सहित आसपास के लोगों के इस प्रकार की संरक्षण नीति से पर्यावरण सहित संपूर्ण पक्षी जगत खुशहाल है पक्षियों के हर वर्ष यहां आने से क्षेत्र की खुशहाली देखते ही बनती है