कटघोरा: ग्रामीण क्षेत्रों में कोविड हॉस्पिटल शुरू करने पर कलेक्टर की स्वास्थ्य अधिकारियों से चर्चा.. फिलहाल सीपेट के दूसरे यूनिट को शुरू करने पर सहमति.

कोरबा (सेंट्रल छत्तीसगढ़) :- प्रदेश के साथ ही जिले में हर दिन बड़े पैमाने पर कोरोना संक्रमितों की पहचान हो रही है. आंकड़ो के मुताबिक जिले शहरी और ग्रामीण इलाकों में बड़ी संख्या में कोविड टेस्ट जारी है लिहाजा इन क्षेत्रों से हरदिन छह सौ से साथ सौ मरीजो की पहचान की जा रही है. कोरोना पॉजिटिव मरीजो के समुचित उपचार के लिए जिला प्रशासन ने कमर कस ली है. जिला कलेक्टर ने जिला मुख्यालय के कई निजी अस्पतालों को अधिग्रहित करते हुए उन्हें कोविड केयर सेंटर के तौर पर तब्दील करने के निर्देश दिए है. फिलहाल जिले में दस अस्पतालों में कोरोना मरीजो की भर्ती और उनका उपचार किया जा रहा है. हालांकि इनमे से एक भी अस्पताल ग्रामीण बेल्ट में मौजूद नही है जबकि जिले के पिछड़े इलाकों में मरीजो की तादाद हरदिन बढ़ रही है. जिला कलेक्टर ने इन क्षेत्रो में मरीजो के समुचित उपचार की व्यवस्था के लिए कल वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से जिलेभर के स्वास्थ्य अधिकारियों से विस्तार से चर्चा करते हुए उनकी राय जानी. कलेक्टर ने अफसरों से स्वास्थ्य संसाधनों की उपलब्धता के बारे में भी जानकारी ली और कोरबा जिले के ग्रामीण इलाकों में कोविड सेंटर स्थापित किये जाने की सम्भावनाओ को भी तलाशा.

इस बारे में चर्चा करते हुए कोरबा के एक वरिष्ठ मेडिकल ऑफिसर ने बताया कि कल जिलाधिकारी किरण कौशल की अगुवाई में एक वर्चुअल बैठक की गई थी. इस बैठक में कोरोना उन्मूलन की दिशा में किये जा रहे प्रयास, मरीजो के उपचार, स्वास्थ्य संसाधनों की उपलब्धता और संक्रमण का प्रसार रोकने पर चर्चा हुई. जिलाधीश ने रूरल बेल्ट में भी कोविड सेंटर स्थापित किये जाने पर उनसे चर्चा की. स्वास्थ्य अधिकारी ने बताया कि आने वाले दिनों में हालात के मुताबिक इस पर फैसला लिया जाएगा. संभवतः पोंडी-कटघोरा ब्लॉक में कोविड सेंटर स्थापित किया जा सकता है. हालांकि इसके लिए हेल्थ रिसोर्सेज बढ़ाने पड़ेंगे. स्टाफ की भी जरूरत पड़ेगी जिसकी तैयारी जिलास्तर पर शुरू की जा चुकी है. उनका मानना है कि कोरबा में संचालित सभी अस्पताल मरीजो के मुताबिक काफी है. उनके पास अभी काफी कोविड बेड उपलब्ध है. जिले के भीतर कोरोना की स्थिति पूरी तरह काबू में है. इन सबके बावजूद मरीजो की बढ़ती संख्या सभी के लिए चिंता का विषय है. होम आइसोलेशन के साथ ही अस्पतालों में दाखिल मरीज तेजी से रिकवर कर रहे है.

सीपेट की दूसरी यूनिट होगी शुरू.

स्वास्थ्य अधिकारी ने बताया कि कोरोना से निबटने पूर्व में स्याहीमूड़ी स्थित एजुकेशन हब की इमारत को कोविड सेंटर के तौर पर विकसित किया गया था. चूंकि वर्षान्त तक मरीजो की संख्या घट गई थी लिहाजा सीपेट के दूसरी यूनिट को बंद रखा गया था. फिलहाल प्रयास को आबंटित इस दूसरे इकाई को फिर से शुरू किया जाएगा. यहां स्वास्थ्य सुविधाओं के साथ जीवनरक्षक मशीने और अन्य जरूरी इक्विपमेंट स्थापित करने का काम शुरू कर दिया गया है. इसका सीधा फायदा कटघोरा, पोंडी-उपरोड़ा व पाली ब्लॉक के कोविड मरीजो को मिलेगा. जिला कलेक्टर ने इसपर अपनी औपचारिक सहमति दे दी है.

पंचायतों में कोविड आइसोलेशन सेंटर.

मेडिकल ऑफिसर ने यह भी बताया कि मरीज बल्क यानी समूह में समाने आ रहे है. म्युचुअल कॉन्टेक्ट से मरीज संक्रमित हो रहे है. इस तरह के मामले सबसे ज्यादा ग्रामीण क्षेत्रो में देखने को मिल रहे है. ऐसी स्थिति से निबटने के लिए पंचायतों में क्वारन्टीन सेंटर्स की तर्ज पर कोविड आइसोलेशन सेंटर विकसित किये गए है. यहां मरीजो के देखभाल के साथ प्राथमिक उपचार की व्यवस्था भी की गई है. मरीजो को ऑक्सीमीटर और थर्मामीटर भी मुहैया कराया जा रहा है. चिकित्सकों के अलावा अन्य कोरोना वारियर्स की टीमें इन सेंटर्स पर नजर रखे हुए है. मरीजो की स्थिति के अनुसार उन्हें बड़े अस्पतालों में दाखिल कराया जाएगा. वही शहरी क्षेत्रों में ऐसे इलाको को माइक्रो कन्टेनमेन्ट घोषित करते हुए बैरिकेडिंग की जा रही है. संक्रमण वाले इलाकों में दवाओं का छिड़काव भी नगरीय प्रशासन द्वारा किया जा रहा है. स्वास्थ्य अधिकारी ने बताया कि लोगो को पैनिक होने की आवश्यकता नही है. सभी को कोरोना से बचाव के उपाय अपनाने होंगे. इसके अलावा संक्रमित मरीज जो होम आइसोलेशन पर है उनके परिजन भी कोविड गाइडलाइन का कड़ाई से पालन करें.

CHC और PHC में रूटीन मरीज.

मेडिकल ऑफिसर ने बताया कि ब्लॉक मुख्यालयों के स्वास्थ्य केंद्रों को भी अस्थाई तौर पर कोविड सेंटर के रूप में विकसित किये जाने पर मंथन हुआ था. लेकिन ऐसे में उन मरीजो के लिए परेशानियां खड़ी हो सकती है जो कि कोरोना के बजाए दूसरी बीमारियों के इलाज के लिए अस्पताल पहुंच रहे है. इन अस्पतालों में फिलहाल वैक्सिनेशन और कोरोना टेस्टिंग का काम जारी है. इसलिए फिलहाल सिविल वजहों से स्वास्थ्य केंद्र पहले की तरह ही काम करते रहेंगे. ब्लॉक के इन अस्पतालों में रूटीन मरीज भी भर्ती है ऐसे में उनके बीच कोरोना मरीजो का उपचार अव्यवहारिक होगा. हालांकि आने वाले समय मे स्थिति अनुसार इसपर भी निर्णय लिया जा सकता है.

बढ़ते आंकड़ो पर प्रशासन की बारीक नजर.

कोरबा जिले में हरदिन संक्रमितों की संख्या में बढ़ोत्तरी दर्ज की जा रही है. जिला जनसंपर्क कार्यालय के अनुसार 14 अप्रेल को जिलेभर में 24 घंटो के भीतर 738 कोरोना संक्रमितो की पहचान की गई थी. इनमे 435 पुरुष और 303 महिलाएं शामिल थे. क्षेत्र मुताबिक आंकड़ो पर नजर डाले तो कल कोरबा शहर में 306, कोरबा ग्रामीण में 31, कटघोरा शहर में 116, कटघोरा ग्रामीण में 168, करतला में 33, पाली में 42, पौड़ी उपरोडा में 42 संक्रमितों की पहचान की गई थी. जिले में अबतक 150 से ज्यादा कोरोना पॉजिटिव मरीजो की मौत भी दर्ज की जा चुकी है. इस तरह जिले में अबतक 23 हजार से ज्यादा लोगो को कोरोना अपनी चपेट में ले चुका है. इनमे से 18 हजार छह सौ पूरी तरह स्वस्थ हो चुके है. एक्टिव मरीजो के रूप में करीब साढ़े चार हजार मरीज उपचाराधीन है.

धनंजय डिक्सेना की रिपोर्ट….