सेवा और सहयोग को दिखावटी नहीं अनुकरणीय बनाना “समग्र ब्राह्मण परिषद् छत्तीसगढ़” का मूल उद्देश्य

पाली दीपक शर्मा – प्रादेशिक सामाजिक संगठन “समग्र ब्राह्मण परिषद् छत्तीसगढ़” के संस्थापक सदस्यों की महत्वपूर्ण बैठक आज रायपुर के महामाया देवी मंदिर परिसर में संपन्न हुई। इस अवसर पर प्रदेश के विभिन्न क्षेत्रों से संस्था को अपने सामूहिक निर्णय से संचालित करने वाले विप्रजनों ने बैठक में अपनी सहभागिता दर्ज की।*


*ब्राह्मण समाज सहित सनातन धर्म हित में अपनी सेवायें व सहयोग प्रदान करने हेतु इस संस्था का गठन किया गया है। भारतवर्ष स्तर पर अपने आप में यह पहला सामाजिक संगठन होगा जिसकी बागडोर 50 संस्थापक सदस्य मिलकर संभालेंगे अर्थात संस्था के समस्त पदाधिकारी इन 50 संस्थापक सदस्यों के सामूहिक निर्णय के आधार पर ही संगठन के कार्यों को क्रियान्वित करेंगे।*
*आज की बैठक में पचास संस्थापक सदस्यों के चयन एवं संगठन के कार्यशैली पर चर्चा की गयी जिसके अंतर्गत “समग्र ब्राह्मण परिषद् छत्तीसगढ़” के संस्थापक सदस्यों द्वारा ब्राह्मण समाज एवं सनातन धर्म से जुड़े कई विषयों पर गतिविधियों के संचालन का सुझाव दिया। बैठक में उपस्थित सेना से सेवानिवृत्त पं.हीरामणि मिश्रा एवं कवर्धा से आये पं.सुरेश दुबे ने संगठन की गतिविधियों के संचालन के लिये पूर्णतया अनुशासनात्मक एवं चरणबद्ध तरीका अपनाने पर जोर दिया। रायपुर के युवा शुभम शर्मा ने संस्कृत को स्वयं तथा घर के बच्चों के दैनिक जीवन में अपनाने की अपील करते हुआ कहा की संस्कृत में जीवन दर्शन छिपा हुआ है और उसे आत्मसात् करना प्रत्येक ब्राह्मण का पहला कर्तव्य होना चाहिए।*
*करतला(कोरबा) से पं.नीरज मिश्रा और सूरजपुर से पं.शैलेष द्विवेदी ने अपने विचारों के माध्यम से इस संगठन विचारधारा के अद्वितीय प्रयासों को शीघ्रातिशीघ्र धरातलीय स्वरूप प्रदान करने की आवश्यकता बताई। मुंगेली के पं.आशुतोष पांडेय ने इस संगठन के माध्यम से प्रदेश के जरुरतमंद ब्राह्मण परिवारों को विषम परिस्थितियों में सहयोग करने की बात कही।*
*सिमगा के पं.विक्रांत मिश्रा एवं कोरबा के पं.अंशु तिवारी एवं पं.आकाश तिवारी ने ब्राह्मण समाज के युवा वर्ग को समग्र ब्राह्मण समाज छत्तीसगढ़ के लघु सामाजिक एकत्रीकरण सिद्धांत को पूरे छत्तीसगढ़ प्रदेश में विराट स्तर पर अपनाने का सुझाव दिया*
*संगठन की मातृशक्ति परिषद् की श्रीमती आरती शुक्ला, श्रीमती प्रमिला तिवारी, सुश्री भाग्यश्री शर्मा, श्रीमती कुसुम शर्मा, श्रीमती तेजस्वना शर्मा  श्रीमती विनीता पांडेय आदि संस्थापक सदस्यों द्वारा पिछले डेढ़ माह से स्वयं के द्वारा क्षेत्रीय स्तर पर संगठनात्मक प्रयासों की जानकारी दी गयी।*
*इस अवसर पर समग्र ब्राह्मण परिषद् छत्तीसगढ़ के प्रदेश पदाधिकारी के चयन हेतु सामूहिक निर्णय सिद्धांत के आधार पर दस सदस्यीय समिति का गठन किया गया है जिसमें कवर्धा से पं.सुरेश दुबे, डौंडीलोहारा से पं.प्रेमशंकर शुक्ला, चैतमा(कोरबा) से पं.ज्ञानेश्वर पांडेय, सूरजपुर(सरगुजा) से शैलेष द्विवेदी, राजिम(गरियाबंद) से पं.अजय शर्मा, रायपुर से श्रीमती आरती शुक्ला, मुंगेली से श्रीमती विनीता पांडेय, करतला(कोरबा) से पं.नीरज मिश्रा, राजिम(गरियाबंद) से पं.विकास शर्मा एवं पाली(कोरबा) से पं.दीपक शर्मा को शामिल किया गया है।*
*बैठक का संचालन करते हुये पं.रामानुज तिवारी एवं पं.लोकेश द्विवेदी ने जानकारी देते हुये बताया की छत्तीसगढ़ के रायपुर, दुर्ग, राजनांदगांव, बालोद, गरियाबंद, बिलासपुर, कोरबा, जांजगीर-चांपा, रायगढ़, कांकेर, कवर्धा, मुंगेली, भाठापारा बलौदाबाजार आदि जिलों में समग्र ब्राह्मण परिषद् का विस्तार हो चुका है शेष अन्य जिलों में भी शीघ्र ही इसका विस्तार किया जायेगा।*
*इस अवसर पर श्रीमती दुर्गा पांडेय, श्रीमती माधुरी तिवारी, श्रीमती रानू दुबे, श्रीमती रानी अल्पना उपाध्याय, श्रीमती सुधा पांडेय, श्रीमती दीपेश्वरी तिवारी, श्रीमती प्रभा दुबे, पं.युगलकिशोर दुबे, पं.अभिषेक तिवारी, पं.अनमोल पांडेय, पं.दुर्गेश उपाध्याय, पं.हेमंत शर्मा, पं.विनोद शर्मा, पं.लक्ष्मीकांत पांडेय, पं.महेश शर्मा, पं.सौरभ त्रिपाठी, पं.ज्ञानेश्वर पांडेय, पं.राहुल तिवारी, पं.रवि चौबे, पं.शैलेन्द्र दुबे, पं.बलराम शर्मा, धर्मेन्द्र कुमार शर्मा, पं.गोपालधर दीवान, पं.लोचन तिवारी, पं.पंकज कुमार मिश्रा, पं.दीनदयाल तिवारी, पं.तोषणप्रसाद चौबे, पं.भावेश शुक्ला “पराशर” सहित छत्तीसगढ़ के विभिन्न क्षेत्रों से विप्रजन उपस्थित थे।*
*बैठक की व्यवस्था पं.शैलेन्द्र शर्मा, पं.भूपेन्द्र शर्मा, पं.अनिल दिक्षित, पं.रोशन शर्मा, पं.कमलेश तिवारी द्वारा की गयी।*