■ गौरव पथ निर्माण में तेजी लाने और क्वालिटी मेंटनेंस के लिए CMO निर्देशित.
■ सड़को पर अतिक्रमण देखकर भी नाराज हुए एसडीएम, सामान तत्काल हटाने का आदेश.
कोरबा(सेंट्रल छत्तीसगढ़): बीते सालभर से नगरवासियों के लिए नासूर बन चुके बहुप्रतीक्षित गौरव पथ के निर्माण का जायजा लेने कटघोरा सबडिवीजन के अनुविभागीय दण्डाधिकारी आईएएस अभिषेक शर्मा आज खुद पैदल निकल पड़े थे. इस दौरान उनके साथ राजस्व, लोकनिर्माण व नगरीय निकाय के अफसर और कर्मचारी भी मौजूद थे. करीब दो घंटे के इस निरीक्षण के दौरान एसडीएम शहीद वीरनारायण चौक से जयस्तंभ चौक पहुंचे. यहां से वे सीधे बाजार स्थल गए और फिर मुख्य मार्ग से पैदल ही सांस्कृतिक भवन तक पहुंचे.
नगरपालिका के उप-अभियंताओं के कार्यशैली से हुए नाराज.
इससे पहले उन्होंने सीएमओ जेबी सिंह, उप अभियंता चंद्रप्रकाश जायसवाल व लोनिवि के अभियंता से गौरव पथ से जुड़ी सभी महत्वपूर्ण जानकारियां ली. उन्होंने निर्माण सामग्री की गुणवत्ता पर सवाल उठाते हुए नपा के अफसरों को फटकार भी लगाई. एसडीएम ने लोनिवि के इंजीनियर को सामग्री के क्वालिटी जांच के लिए सैम्पल लैब भेजने को कहा है. एसडीएम ने सीएमओ को दो दिवस कब भीतर गौरव पथ निर्माण का पूरा प्राक्कलन और मौजूदा वक़्त मे कार्य की प्रगति की रिपोर्ट पेश करने को कहा है.
निर्माण सामग्री भेजे जाएंगे लैब.. दो दिन के भीतर जांच रिपोर्ट होगी पेश.
निरीक्षण के अंत मे मीडिया से हुई बातचीत में एसडीएम श्री शर्मा ने बताया कि शहर में निर्माणाधीन 12 सौ 50 मीटर के गौरवपथ को लेकर उन्हें लगातार शिकायते मिल रही थी. इनमे पहला कार्य मे सुस्ती और धीमेपन का था जबकि दूसरी शिकायत निर्माण कार्य में इस्तेमाल हो रहे सामग्री के गुणवत्ताहीन होने का था. दोनो ही आपत्तियों की पुष्टि और कार्य मे सुधार के मकसद से खुद उन्होंने निरीक्षण किया. इस दौरान उन्हें भी निर्माण कार्य मे लापरवाही नजर आई है. इसके लिए पीएडब्लूडी को निर्माण सामग्री का सैम्पल लेकर जांच के लिए भेजने और एक दिन के भीतर रिपोर्ट जमा करने को कहा गया है. दूसरी कम्प्लेन निर्माण में धीमेपन को लेकर था. उन्हें मालूम हुआ है कि सड़क के किनारे पेयजल के लिए पाइप शिफ्टिंग का काम कराया जा रहा है लेकिन कई दुकानदार और मकान मालिक पाइप के लिए खुदाई करने नही दे रहे है. उन्होंने इंजीनियरों को कहा है कि लोगो को विश्वास में लेकर काम करे. खुदाई से किसी को दिक्कत ना हो इसका भी ख्याल रखा जाए. इस हेतु खुदाई से एक हफ्ते पहले मकान मालिकों को इसकी सूचना दे दी जाये ताकि वे अपना कनेक्शन सुधार की तैयारी कर सके.
सशुल्क सांस्कृतिक भवन में हो पब्लिक पार्किंग, अतिक्रमणकारियों के खिलाफ हो कार्रवाई.
एसडीएम निरीक्षण के आखिर में पैदल ही सांस्कृतिक भवन पहुंचे. उन्होंने भवन के जर्जर स्थिति पर चिंता जाहिर की और सतत जीर्णोद्धार और मरम्मत की बात कही. एसडीएम ने बदहाल और जीर्णशीर्ण भवन को देखकर कहा कि यहां जब शादियां होती होंगी तो लोग फोटो कैसे खिंचाते होंगे? भवन के सौंदर्यीकरण के साथ सुरक्षा को बड़ा विषय बताते हुए पूरे परिसर में बाउंड्रीवाल तैयार कराने प्रस्ताव देने को भी कहा. एसडीएम ने सड़को तक फैले अतिक्रमण पर नाराजगी जताई. बताया कि शहर की सड़कें काफी चौड़ी है लेकिन बेजा कब्जा और सामान बाहर निकाले जाने की वजह से मार्ग काफी संकरा हो गया है. इसके अलावा वाहन मालिक अपने चारपहिया वाहन सड़को पर ही पार्क कर देते है जिससे समस्या और बढ़ जाती है. नगरपालिका ऐसे वाहन मालिकों के लिए सांस्कृतिक भवन में ही कम्बाइंड पार्किंग की व्यवस्था करे और उनसे नियत शुल्क की वसूली करें. एसडीएम ने बताया कि गौरवपथ का निर्माण मई के पहले पखवाड़े में पूरा कर लेने की बात प्राधिकृत संस्था के अफसरो ने कही है. वे इस पूरे निर्माण पर खुद ही नजर बनाए हुए है.
लोकनिर्माण विभाग को मिल सकती है गौरवपथ निर्माण की जिम्मेदारी.. नपा में हलचल तेज.
जिला मुख्यालय में पदस्थ पुष्ट सूत्रों की माने तो गौरवपथ के निर्माण कार्य में सामने आ रही समस्या और काम के धीमेपन से खुद जिला कलेक्टर भी नाराज है. बकौल सूत्र उन्होंने कुछ दिन पहले पालिका के अफसरों के सामने भी अपनी नाराजगी जाहिर की थी और उन्हें अल्टीमेटम दिया था. बताया गया कि जिला कलेक्टर ने दो टूक कहा है कि यदि काम करने के तरीके में बदलाव नही आता या इससे जुड़ी और शिकायते उनके दफ्तर तक आती है तो वे लोकनिर्माण विभाग को काम का जिम्मा सौंप देंगी. कलेक्टर के इस रवैये के बाद नगरपालिका के अफसर, कर्मियों में हलचल तेज हो चली है. उन्होंने जल्द से जल्द गौरवपथ से जुड़े जरूरी कामो को पूरा कर लेने का आश्वासन दिया है. गौरतलब है कि 12 सौ 50 मीटर के इस निर्माण कार्य को 3-4 साल पूर्व स्वीकृति हासिल हुई थी. इसे करीब एक वर्ष के भीतर पूरा हो जाना था लेकिन निमार्ण में तकनीकी और कुछ अन्य राजनीतिक वजहों से यह काम आज भी अपूर्ण है जिसका सीधा खामियाजा शहरवासियों को भुगतना पड़ रहा है. देखना दिलचस्प होगा कि एसडीएम के निरिक्षण और फटकार के बाद इस पूरे काम मे कितनी तेजी आ पाती है, इसका लाभ कब तक आम शहरवासियों को मिल पाता है.