बीजापुर(सेंट्रल छत्तीसगढ़): नक्सल प्रभावित क्षेत्र के लोगों की समस्या को सुनने के लिए चौपाल लगाई गई. चौपाल में पुलिस महानिरीक्षक सुंदरराज पी, सीआरपीएफ डीआईजी कोमल सिंह, कलेक्टर रितेश कुमार अग्रवाल और एसपी कमलोचन कश्यप ने लोगों की समस्याएं सुनी. उसूर ब्लॉक के नक्सली प्रभावित गांव गलगम में इमली के पेड़ के नीचे चौपाल लगाई गई थी.
पुलिस महानिरीक्षक सुंदरराज पी ने लगाई चौपाल
चौपाल में अधिकारियों ने ग्रामीणों की मांग पर गलगम के पारे-टोले में पेयजल के लिए एक-एक सोलर ड्यूल पंप और एक-एक आंगनबाड़ी केंद्र भवन निर्माण की स्वीकृति दी गई. गलगम में उचित मूल्य की दुकान और सह गोदाम निर्माण की भी स्वीकृती दी गई. गलगम में प्राथमिक शाला शुरू कराने को लेकर अधिकारियों ने ग्रामीणों को आश्वस्त किया. आईजी सुंदरराज पी ने ग्रामीणों से कहा कि गांव में कैंप खुल गया है. अब उन्हें नक्सलियों से डरने की जरूरत नहीं है.
सड़क-बिजली और पानी का वादा
कैंप में असम, नागालैंड, सिक्किम राज्यों के जवान इस क्षेत्र की सुरक्षा के लिए तैनात हैं. क्षेत्र में सड़क, स्कूल-आश्रम, स्वास्थ्य केन्द्र स्थापित होंगे. बिजली लगाने के साथ मोबाइल टॉवर भी लगाये जायेंगे. इससे क्षेत्र के विकास में मदद मिलेगी. उन्होंने ग्रामीणों को नक्सलियों के बहकावे से दूर रहने और जवानों का सहयोग करने की समझाइश दी.
स्वास्थ्य सुविधा के लिए जवानों से लें मदद
बीमार होने या किसी गर्भवती को प्रसव पीड़ा होने पर पुलिस कैंप से सहायता लेने को कहा. मौके पर कलेक्टर रितेश कुमार अग्रवाल ने ग्रामीणों से क्षेत्र की समस्या और जरूरतों के बारे में पूछा और कहा कि अब उसूर से पामेड़ तक सड़क निर्माण को सर्वोच्च प्राथमिकता के साथ किया जायेगा. कलेक्टर रितेश कुमार अग्रवाल ने गलगम में पुजारी कांकेर, गलगम और मलेमपेंटा ग्राम पंचायतों के ग्रामीणों के लिए खाद्यान्न और अन्य राशन सामग्री भंडारण एवं वितरण के लिए उचित मूल्य की दुकान के साथ गोदाम भवन बनाने का वादा किया.
कोविड टीका लगवाने की अपील
चौपाल में रोजगारमूलक कार्यों में ग्रामीणों को काम करने की समझाइश दी. ग्रामीणों से लघु वनोपज का विक्रय वन-धन संग्रहण केन्द्र में किए जाने कहा गया. कलेक्टर रितेश कुमार अग्रवाल ने सरपंच शांति रेगा और उप सरपंच बाबूलाल पोयाम को ग्राम पंचायत के तहत 60 वर्ष से अधिक आयु के बुजुर्गों को कोविड टीका लगवाने को कहा. इसके साथ ही गांव के आंगनबाड़ी केन्द्रों में सभी बच्चों को नियमित रूप से भेजकर लाभान्वित करने पर बल देते हुए कुपोषण दूर करने के लिए सक्रिय सहभागिता निभाने का आग्रह किया.