कोरबा (सेंट्रल छत्तीसगढ़):- 08 मार्च 2021/सोमवार को कोरबा जिले में शिक्षा विभाग द्वारा अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस मनाया गया। इस अवसर पर शिक्षा और इसके विभिन्न क्षेत्रों में उत्कृष्ट कार्य करने वाली तीन सौ से ज्यादा शासकीय विद्यालयों की महिला शिक्षकों को प्रशस्ति पत्र प्रदान कर उनका सम्मान किया गया। कार्यक्रम की मुख्य अतिथि सांसद श्रीमती ज्योत्सना महंत ने कहा कि परिवार का पर्याय महिला है और महिला के बगैर घर नहीं बसता। सांसद ने शिक्षा विभाग के इस आयोजन की जमकर सराहना की। शहर के रविशंकर नगर स्थित श्री मल्लिक मंगलम में आयोजित कार्यक्रम में जिले के पांचो विकासखंड से महिला शिक्षकों और प्राचार्यों की उपस्थिति हुई। सांसद श्रीमती ज्योत्सना महंत ने कहा कि महिला शिक्षकों को दोहरी जवाबदारी का निर्वहन करना होता है। उन पर घर के साथ समाज की जिम्मेदारी होती है। महिला वो व्यक्तितत्व है जिसके भीतर पुरुषों की अपेक्षा कहीं अधिक आमविश्वास, ईमानदारी और संयम होता है। सांसद ने कहा कि महिला को खुला आसमान दिया जाए तो वो बहुत कुछ कर सकती है। जिन महिलाओं को अवसर मिला उन्होंने अपनी काबिलियत साबित की है और आज हर क्षेत्र में महिला वर्ग का दखल है। सांसद ने उपस्थित शिक्षकों से शिक्षा के प्रसार और बेटियों को आगे बढ़ाने का आह्वान किया।
कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए कलेक्टर श्रीमती किरण कौशल ने अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर बड़ी संख्या में महिला शिक्षकों को एकत्र करने और उनका सम्मान करने के लिए बधाई दी। उन्होंने कहा कि प्रत्येक व्यक्ति जीवन के हर मोड़ पर शिक्षकों की सीख को याद करता है। कलेक्टर ने कहा कि पुरुष यह सोचते हैं कि उसके बगैर महिला नहीं चल सकती तो पुरुषों को यह भी सोचना होगा कि महिला के बगैर वे भी नहीं चल सकते। महिला को हर क्षेत्र और हर कदम पर स्वीकार्य करना होगा। जिला शिक्षा अधिकारी सतीश कुमार पांडेय ने स्वागत उद्बोधन दिया और आयोजन के उद्देश्य पर प्रकाश डाला। मंच पर विशिष्ट अतिथि के तौर पर महापौर श्री राजकिशोर प्रसाद, सभापति श्री श्यामसुंदर सोनी, जिला पंचायत सदस्य श्रीमती गोदावरी राठौर, एमआईसी मेम्बर श्रीमती सपना चैहान, एल्डरमेन श्रीमती रूपा मिश्रा, डीएफओ कोरबा श्रीमती प्रियंका पांडेय, श्री सूरज मंहत, बाल कल्याण समिति की सदस्य श्रीमती बीता चक्रवर्ती, समाज सेविका श्रीमती रीना मल्लिक, बीबीसी न्यूज की मैनेजिंग एडिटर श्रीमती निशिता झा, डाॅ. अन्नपूर्णा बोडे, डाॅ. श्वेता कुजूर, अक्षय अलंकरण समिति की उपाध्यक्ष श्रीमती संध्या पांडेय, पूर्व पार्षद श्रीमती अर्चना उपाध्याय, जिला चिकित्सालय की काउंसलर सुश्री वीणा मिस्त्री उपस्थित थीं। अतिथियों को स्मृति चिन्ह प्रदान किया गया। कार्यक्रम का संचालन संयुक्त रूप से मीनल शर्मा, नीलम शर्मा, निशा चंद्रा ने किया।
इस क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य के लिए हुए सम्मानित – कार्यक्रम के दौरान मुख्य अतिथि द्वारा अंतरराष्ट्रीय व राष्ट्रीय स्तर पर उपलब्धि प्राप्त करने वाली महिला शिक्षकों को सम्मानित किया गया। इसी तरह उत्कृष्ट नेतृत्वकर्ता, महिला भृत्य, क्लर्क, लेखापाल, पीटीआई, आईसीटी, सफाई कर्मी, नवाचारी शिक्षक, गाइड केप्टिन, एनएनएस प्रभारी, समावेशी शिक्षा, क्वारेंटाइन सेंटर प्रभारी, कला, दिव्यांग शिक्षक, शत प्रतिशत बोर्ड परीक्षा परिणाम, सोन चिरई, वीआईपी मंच व्यवस्था में सहयोग प्रदान करने वालीं रेंजर्स एवं अन्य क्षेत्र की भी महिलाओं को प्रशस्ति पत्र प्रदान किया गया।
सांस्कृतिक कार्यक्रमों का उठाया लुत्फ, व्यंजनों का चखा स्वाद –
महिला शिक्षकों द्वारा सांस्कृतिक कार्यक्रमों की प्रस्तुति दी गई। अनेकता में एकता सेे परिपूर्ण समूह नृत्य, गरबा, शक्तिगीत, प्रेरणा गीत एवं अन्य कार्यक्रम पेश किए गए। कार्यक्रम स्थल पर पारंपरिक व्यंजनों गुलगुला, खुरमी, ठेठरी, गुजिया, देहरौरी, मुर्रा व तील लड्डु आदि स्टाल भी लगाए गए थे। अतिथियों सहित शिक्षकों ने व्यंजनों का स्वाद चखा। शिक्षकों के लिए आरती, सलाद एवं पुष्प सजाओ सहित मेंहदी, रंगोली प्रतियोगिता भी आयोजित की गई।