महासमुंद(सेंट्रल छत्तीसगढ़): केंद्र सरकार की महत्वकांक्षी योजना मनरेगा महासमुंद जिले के गर्भवती महिलाओं के लिए वरदान साबित हो रही है. केंद्र सरकार गर्भवती महिलाओं को आर्थिक मदद कर रही है. जिससे गर्भवती माताएं अपना तो ख्याल रख ही रही हैं. साथ ही अपने बच्चे के लिए पोषण आहार लेकर सरकार का धन्यवाद भी कर रही हैं.
गर्भवती महिलाओं के लिए वरदान बना मनरेगा
महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना के तहत 1 लाख 77 हजार जॉब कार्ड एक्टिव हैं. 3 लाख 81 हजार मजदूर इस योजना के तहत काम कर रहे हैं. वर्तमान में जिले में डबरी निर्माण, नया तालाब निर्माण, भूमि सुधार, नहर निर्माण जैसे 1 हजार 550 काम संचालित हैं. जिसमें 1 लाख 30 हजार 552 महिलाएं काम कर रही हैं. केंद्र सरकार ने गर्भवती महिलाओं को गर्भावस्था के दौरान मनरेगा के तहत छुट्टी और मातृत्व भत्ता देने का भी प्रावधान रखा है. ऐसी गर्भवती महिलाएं जिन्होंने 1 साल में 50 दिन की मजदूरी की है, वह महिलाएं आवेदन के जरिए छुट्टी और मातृत्व भत्ता का फायदा उठा सकती हैं.
गर्भवती महिलाओं को मातृत्व भत्ता
महिलाओं को दिया जा रहा भत्ता
इस साल जिले की 15 गर्भवती महिलाओं को इस योजना का लाभ दिया गया है. जिनको 190 रुपये प्रतिदिन की मजदूरी के हिसाब से 1 महीने का 5 हजार 700 रुपये चेक के जरिए दिए गए हैं.
महिलाओं को दिया जा रहा चेक
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महिलाओं में खुशी
मातृत्व भत्ता चेक मिलने से खुश महिलाओं का कहना है कि कहीं और काम करते तो मातृत्व भत्ता नहीं मिलता. लेकिन केंद्र सरकार ने हम महिलाओं के बारे में सोचा ये अच्छी बात है. हम लोग इन पैसों से बच्चों के लिए पौष्टिक आहार लेंगे. इस योजना के लिए हम लोग सरकार को धन्यवाद देते हैं.
काम करती महिलाएं
सरकार की अच्छी पहल
सरपंच का कहना है कि ये सरकार की अच्छी पहल है. जिसके लिए हम महिलाएं केंद्र सरकार को कोटि-कोटि बधाई देती हैं. क्योंकि इस स्थिति में काम करने में महिलाओं को तकलीफ होती है. इस पूरे मामले में जिला पंचायत सीईओ का कहना है कि गर्भवती महिलाओं को गर्भावस्था के दौरान आर्थिक मदद और छुट्टी देना ही सरकार का मुख्य उद्देश्य है.
काम करती महिलाएं
महिलाओं को किया जा रहा जागरूक
इस योजना का लाभ ज्यादा से ज्यादा गर्भवती माताएं उठा सकें इसके लिए जिले के सभी स्वास्थ्य केंद्र और जनपद पंचायत में पॉम्प्लेट लगाकर महिलाओं को जागरूक करने का कार्यक्रम भी किया जा रहा है.