कोरबा: अचानक हुई बारिश से भीगा 1लाख क्विंटल धान..

कोरबा (सेंट्रल छत्तीसगढ़)हिमांशु डिक्सेना:- दोपहर और फिर रात में अचानक हुई बारिश के बाद खुले में रखा धान भीग गया है. जिला खाद्य एवं विपणन विभाग ने धान खरीदी समापन के बाद दावा किया था कि 15 दिन के भीतर धान उठाव कर लिया जाएगा, लेकिन तय समय पर ये पूरा नहीं किया गया. जिसके कारण अब अचानक हुई बारिश से धान भीग गए हैं. बारिश से 1.70 लाख क्विंटल धान भीगने का अनुमान लगाया जा रहा है.

paddy wet

धान भीगा


इस साल समर्थन मूल्य पर धान खरीदी के अंतिम दिन तक जिले में 13.52 लाख क्विंटल धान की खरीदी हुई है. बेहतर बारिश और बढ़िया उत्पादन से किसानों ने अनुमान लगाया था कि उन्हें इस वर्ष भी अच्छी कीमत मिलेगी, लेकिन रकबा कटौती से किसान पूरा धान बेचने में असफल रहे. सरकार ने 2500 रुपए में खरीदी का आश्वासन दिया था, वह भी पूरा नहीं किया गया. राजीव गांधी न्याय योजना के तहत खरीदी की राशि के चौथे किश्त का भुगतान अब भी बाकी है.

शॉर्टेज की आशंका

बीते वर्ष तक जीरो शॉर्टेज में पूर्ण धान उठाव हो रहा था, लेकिन इस बार लंबित उठाव को देखते हुए खरीदे गए धान में कमी आने की संभावना है. धान की सुरक्षा के लिए प्रति क्विंटल तीन रुपए की दर निर्धारित है. सुरक्षा राशि से प्रभारियों ने बिजली तार और फ्लैक्स की खरीदी के साथ ही हमाल का भुगतान भी किया है.

केंद्र के अनुसार नहीं हुई तिरपाल खरीदी

धान खरीदी के लिए किसानों के पंजीयन और रकबे की बढ़त हुई. खरीदी अधिक होने की जानकारी के बाद भी पर्याप्त कैप कव्हर की खरीदी नहीं की गई. पहले 42 उपार्जन केंद्र संख्या के अनुसार 430 तिरपाल की खरीदी की गई थी, जो कि अब बढ़कर 49 हो चुके हैं. खरीदी के बाद सात नए केंद्र में भी धान खरीदी की घोषणा कर दी गई. जिससे केंद्रों को पर्याप्त तिरपाल नहीं मिला. अतिरिक्त मांग किए जाने पर पुराने से ही काम चलाने के लिए कहा गया. खरीदी शुरू होने के तीन सप्ताह बाद दिसंबर में बारिश हुई थी, तब भी काफी मात्रा में धान भीग गए थे.

उठाव के अभाव में अधिक दिन तक खुले आसमान के नीचे रखे होने के कारण धान पर मौसमी मार पड़ रही है. मिलिंग के दौरान चावल टूटेगी. बारिश से प्रभावित बताकर मिलर्स बेहतर धान की मिलिंग से निकले चावल को लेकर कनकी मिश्रित चावल जमा कर देते हैं. जिसका खामियाजा उपभोक्ताओं को भुगतना पड़ता है. धान बिक्री के लिए लाने वाले किसानों पर उसकी सुरक्षा के लिए कई तरह की शर्तें लगाई जाती है. जब यही धान सरकारी हो जाती है, तब उसे असुरक्षित छोड़ दिया जाता है.

  • 13.53 क्विंटल कुल धान खरीदी
  • 1.70 लाख क्विंटल का उठाव शेष
  • 29,950- धान बेचने वाले किसान
  • 49- धान उपार्जन केंद्र
  • 43- कुल सहकारी समिति
  • 2,52,73,13,792 रुपए मूल्य की धान खरीदी

उठाव शेष

जिला खाद्य अधिकारी जेके सिंह का कहना है कि उपार्जन केंद्रों में 1.70 लाख क्विंटल धान का उठाव शेष है. धान सभी केंद्रों में सुरक्षित है. डीओ काटने का अभी शासन से आदेश नहीं है. आदेश जारी होते ही उठाव पूरा कर लिया जाएगा. यदि कहीं धान भीगे हैं, तो इसका पता लगाकर आवश्यक इंतजाम किए जाएंगे.