कटघोरा: नप गए वन-अधिकार पट्टे के नाम पर उगाही करने वाले बीटगार्ड.. DFO ने जांच के बाद किया निलंबित.. SDO पाली ने जांच में शिकायत को पाया सही.

कोरबा(सेंट्रल छत्तीसगढ़)हिमांशु डिक्सेना:- वनमण्डल कटघोरा अंतर्गत चैतमा उप वनपरिक्षेत्र के तेलसरा बीट के बीटगार्ड के द्वारा वहां के पंडो जनजाति के लोगो से अवैध वसूली करना काफी महंगा पड़ गया. शिकायत व जांच के बाद कटघोरा डीएफओ शमां फ़ारूक़ी ने आरोपी बीटगार्ड भीमसिंह पटेल को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया. वही उनकी पत्नी पर भी इस तरह के आरोप थे लेकिन मातृत्व अवकाश में होने की वजह से उनपर कार्रवाई की गाज नही गिर सकी है. बता दे कि संरक्षित पंडो जनजाति के लोगो के साथ बीटगार्ड ने बदसलूकी भी की थी. राशि नही देने पर सभी ग्रामीणों को गांव से खदेड़ने की धमकी भी बीटगार्ड ने दी थी. मीडिया में खबर के सामने आते ही वन्य महकमे में काफी बवाल मचा था. वनमंडलाधिकारी पर आरोपी बीटगार्ड के खिलाफ कार्रवाई का भारी दबाव था.

इस बारे में डीएफओ शमां फ़ारूक़ी ने बताया कि वन अधिकार पट्टे के नाम पर उनके एक मातहत बीटगार्ड भीमसिंह पटेल द्वारा अवैध उगाही की खबर मिली थी. शिकायत के बाद उन्होंने पाली एसडीओ वाई के डड़सेना की अगुवाई में जांच टीम का गठन किया गया था. एसडीओ पाली ने जांच के बाद अपनी रिपोर्ट डीएफओ को सौंप दिया था. जांच रिपोर्ट में बीटगार्ड पर लगे सभी आरोप पूरी तरह सही पाए गए थे जिसके बाद वनमंडलाधिकारी ने भीमसिंह को सस्पेंड कर दिया.

गौरतलब है कि कटघोरा वनमंडल अंतर्गत चैतमा वनपरिक्षेत्र के रामाकछार और तेलसरा में पदस्थ बीटगॉर्ड भीम पटेल और उनकी पत्नी सविता पटेल पर ग्रामीणों ने गम्भीर आरोप लगाए थे. ग्रामीणों ने बताया था कि दोनों बीट गार्ड ग्रामीणों से वन अधिकार पट्टा के लिए पैसों की लगातार मांग कर रहे हैं. वही 4 लोगों से कुल 25 हजार रुपयों की रकम ली जा चुकी है.

अपनी शिकायत में ग्रामीणों ने ये भी बताया कि दोनों बीट गार्ड पैसे नहीं देने पर पट्टे के आवेदन को अपात्र घोषित करने की धमकी देते हैं. पंडों जनजाति के लोगों ने दोनों बीट गार्ड का कार्रवाई की मांग की थी. ग्रामीणों ने बताया था कि दोनों बीट गार्ड ने उनसे न्यूनतम रोजी 100 रुपये में काम कराया गया था, लेकिन अभी तक उन पैसों का भुगतान नहीं हो पाया हैं. उन्होंने बताया कि पैसों की मांग करने पर अभद्र तरीके से गाली भी दी जाती है.