दंतेवाड़ा(सेंट्रल छत्तीसगढ़): देश आज अपना 72वां गणतंत्र दिवस मना रहा है. दंतेवाड़ा के छिंदनार कैंप में सबसे पहले ध्वजारोहण किया गया. आरक्षक लक्ष्मण गोगामी और सुरक्षाकर्मा लक्ष्मी नाथ ने ध्वजारोहण किया. इस दौरान दंतेवाड़ा एसपी अभिषेक पल्लव मौके पर मौजूद रहे. उन्होंने सभी को गणतंत्र दिवस की शुभकामनाएं दी है.
दंतेवाड़ा में 2016 में पहली बार तिरंगा फहराया गया था. जिले के कुआकोंडा और कटेकल्याण ब्लॉक के दर्जनों गांव में नक्सलियों का बोल बाला था. इन क्षेत्रों में नक्सली काला झंडा फहराते थे, लेकिन तस्वीर बदली और अब यहां देश का झंडा लोकतंत्र की तस्वीर बुलंद करता है. 2019 में स्वंत्रता दिवस पर पाहुरनार व छिंदनार की सरहद इंद्रावती नदी के बीच पहली बार एसपी अभिषेक पल्लव ने तिरंगा फहराया था.
बस्तर की बदली तस्वीर
बस्तर संभाग के उन सैकड़ों गांवों में जहां पहले नक्सलियों की तूती बोलती थी, अब बदलाव नजर आ रहा है. एक वक्त था जब नक्सलियों ने चांदामेटा व मुंडागढ़ में तिरंगा न फहराने की चेतावनी दी थी. लेकिन वक्त बदला. बीजापुर, दंतेवाड़ा, सुकमा, बस्तर, कोंडागांव, नारायणपुर और कांकेर के भवन और स्कूल उस पल के गवाह बने जब नक्सलियों को करारा जवाब देते हुए देश का झंडा शान से लहराया.
2019 में स्वंत्रता दिवस पर जवानों ने फहराया तिरंगा
- सुकमा के ही पालमाडगू में नक्सलियों का बोल बाला था. यह इलाका कभी नक्सलियों का गढ़ रहा है. 70वें गणतंत्र दिवस पर पहली बार भारतीय तिरंगा इस गांव में फहराया गया.
- नक्सलियों के गढ़ गोगुंडा में आजादी के बाद पहली बार तिरंगा फहराया गया था.
- नक्सल प्रभावित मेटमार्का गांव में भी पहली बार तिरंगा फहराया गया था. ग्रामीणों के साथ CRPF की 206 कोबरा बटालियन ने राष्ट्रीय ध्वज फहराया था.
- 13 जून 2019 को सुकमा के कोंटा में एक नए CRPF परिसर में 100 फीट ऊंचा झंडा फहराया गया. पूरे बस्तर डिवीजन में सबसे ऊंचा झंडा फहराया गया था.
- बस्तर के लगभग 12 गांवों में तिरंगा फहराया गया.
- पोताली (दंतेवाड़ा), कदेमेटा (नारायणपुर), बोदली (बस्तर), कुन्ना-डब्बा (सुकमा) और दुता (कांकेर) में तिंरगा लहराते दिखा.
- धुर नक्सलगढ़ गांव पोटाली में 20 साल बाद पहली बार तिरंगा फहराया गया था