गौरेला पेड्रा मरवाही (सेंट्रल छत्तीसगढ़) प्रयास कैवर्त :-राष्ट्रपिता महात्मा गांधी ने स्वतंत्र भारत के जिस तरह से गांव और ग्राम पंचायत की कल्पना की थी कि हरगांव पूर्ण प्रजातंत्र होगा जो अपनी अहम जरूरतों के लिए पड़ोसी पर भी निर्भर नहीं रहेगा, आज उनकी नीतियां और कार्यक्रमों से बहुत दूर जा चुका है, राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के सपने को साकार करने के लिए स्वच्छता मिशन का नारा देकर,
भारत के प्रधानमंत्री नरेद्र दामोदरदास मोदी भले ही स्वच्छता मिशन के लिए करोड़ों रुपए खर्च कर जनमानस को स्वच्छ पेयजल की प्रतिपूर्ति के लिए प्रयास किया जा रहा है, स्वच्छ भारत के सपने को साकार करने के लिए स्वच्छता मिशन के नारे भारत के कोने कोने तक पहुंचाया गया है,
पर भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र दामोदरदास मोदी का सपना आज भी टूटता नजर आ रहा है
छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल विकास की नई परिभाषा लिखने के लिए जो सपना देखे हैं उसे नवनिर्मित जिला गौरेला पेड्रा मरवाही के करोडो रुपए का सौगात देकर विकास का खजाना खोल दिया है, विकास की गंगा लगातार बहाया जा रहा है, पर विकास की गंगोत्री का पानी अभी तक आखिरी व्यक्ति तक नहीं पहुंच पाया,हम बात कर रहे हैं नवनिर्मित जिला गौरेला पेड्रा मरवाही के जनपद पंचायत मरवाही के ग्राम चंगेरी की जहां शासन के द्वारा सत्र 2014-15नल जल योजना के अंतर्गत लाखों रुपए खर्च कर पानी टंकी बनाया जिससे ग्रामीणों को स्वच्छ पेयजल की पूर्ति हो सके, लेकिन ग्राम पंचायत चंगेरी का पानी टंकी अपनी बदहाल स्थिति में आंसू बहाने को मजबूर है, पानी टंकी का आलम यह है कि यहां पानी टंकी तो है पर इस टंकी का पानी 05साल बाद भी चंगेरी ग्राम के किसी व्यक्ति को नसीब नहीं हुआ, कैसा रहा होगा वह मंजर जब पूरा देश वैश्विक महामारी कोरोना की लड़ाई लड़ रहा था लॉकडाउन में जहां लोगों की सांसें थम गई थी, उस लॉकडाउन में भी ग्राम चंगेरी के लोग पानी को तरसते रहे,पर उन्हें पानी टंकी का पानी नसीब नहीं हुआ,
छत्तीसगढ़ में आम आदमी को साफ और प्रदूषण रहित पीने का पानी पहुंचाने के लिए नल जल योजना की शुरुआत की गई है
छत्तीसगढ़ के अबादी ग्राम मे पानी उपलब्ध कराने के लिए नल योजना पर निर्भर होना है। हर बसाहट तक पानी उपलब्ध कराने के लिए वर्ष 2022 का लक्ष्य रखा गया है,
छत्तीसगढ़ की हाई प्रोफाइल और चर्चित विधानसभा सीट मरवाही जिसकी चर्चा मरवाही विधानसभा क्षेत्र दिल्ली के सांसद तक चलती है उसी मरवाही विधानसभा क्षेत्र के मछुआ बहुल क्षेत्र ग्राम पंचायत चंगेरी के हाल पर आला अधिकारी सुषुप्त अवस्था में अभी तक कुंभकरण की नींद में सोए हुए हैं,न जाने कौन सा कवच और कुंडल पहन कर बैठे हैं सक्षम अधिकारी जिन्हें न शासन-प्रशासन का डर है और ना क्षेत्रीय शीर्ष जनप्रतिनिधियों का जो लगातार यहां की समस्याओं पर संज्ञान लेते रहते हैं,
अब देखना यह होगा कि नवनिर्मित जिला गौरेला पेड्रा मरवाही के ग्राम पंचायत चंगेरी के लोगों को स्वच्छ पेयजल के लिए अभी और कितना वनवास काटना पड़ेगा,