गौरेला पेंड्रा मरवाही (सेंट्रल छत्तीसगढ़) प्रयास कैवर्त:-किसी के काम जो आए उसे इंसान कहते हैं,पराया दर्द जो समझे उसे इंसान कहते हैं,
कहते हैं जो दूसरो के लिए जीता है,जो दूसरों के लिए मरता है,उसका कर्म रामायण और गीता है,इस बात की एक बार पुनः पुनरावृत्ति हुई है,मानवता के आज भी जीवित ताजा उदाहरण है नवनिर्मित जिला गौरेला पेड्रा मरवाही के जनपद पंचायत मरवाही ब्लाक में आपको बता दे मरवाही ब्लाक ग्राम पंचायत कटरा निवासी माधव धनुहार के पुत्र मोटू धनुहार उम्र 8वर्ष जिसकी तबियत विगत कुछ दिनों से बहुत बिगड़ी हुई थी, शरीर में असहनीय फफोडे के दर्द से पीड़ित रहा, परिवार ने जैसै तैसे उसकी प्राथमिक उपचार कराया, प्राथमिक उपचार के दौरान भी मरीज मोटू धनुहार की तबीयत में सुधार नहीं हो रहा था, डॉक्टरों ने गौरेला पेंड्रा मरवाही से सीधे रायपुर हॉस्पिटल के लिए रेफर कर दिया था, गरीबी की तंगहाली मे और अपने बेटे के जिन्दगी बचाने के लिए पीड़ित परिवार अपने बच्चे मोटू को रायपुर ईलाज के लिये ले गये, लेकिन उनकी गरीबी और लाचारी साथ नहीं छोड़ा,अपने आपको पीड़ित परिवार उपेक्षित महसूस कर रहा था जिसकी जानकारी ग्राम पंचायत कटरा मितानिनो के माध्यम स्वास्थ्य पंचायत समन्वयक शशि केवट को हुई पीड़ित परिवार की मदद के लिए सबने अपने स्तर से मदद की जिसकी जानकारी जनपद पंचायत मरवाही सीओ नारायण कुमार मांझी को मिलते ही उन्होंने पीड़ित परिवार की सुधि लेते हुए पीड़ित परिवार के मरीज बेटे के इलाज के लिए सरपंच कटरा के माध्यम से हर सम्भव मदद कराया, पीड़ित परिवार ने जनपद पंचायत मरवाही सीओ नारायण कुमार मांझी सहित सरपंच कटरा, मितानिनों एवं स्वास्थ्य पंचायत समन्वयक शशि केवट का आभार व्यक्त कर कृतज्ञता अर्पित किया,
बिल्कुल मानवता से बढ़कर और दूसरा कोई पुरुषार्थ नहीं, इंसान होकर इंसानी भावों को समझना ही इंसानियत है,