मोतीलाल वोरा
रायपुर (सेन्ट्रल छत्तीसगढ़) :- कांग्रेस के दिग्गज नेता मोतीलाल वोरा का 92 साल की उम्र में निधन हो गया. उन्होंने दिल्ली के फोर्टिस अस्पताल में अंतिम सांस ली. कांग्रेस के वेटरन लीडर मोतीलाल वोरा के निधन से सियासी गलियारों में शोक की लहर है. मोतीलाल वोरा का आज दुर्ग में राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार होगा. मोतीलाल वोरा के निधन पर छत्तीसगढ़ सरकार ने तीन दिवस का राजकीय शोक घोषित किया है.
मोतीलाल वोरा ने एक लंबी सियासी पारी खेली. वे लगातार पार्टी में एक्टिव रहे. कांग्रेस पार्टी में 2 दशक तक कोषाध्यक्ष रहने के साथ ही उन्होंने कई अहम जिम्मेदारियां निभाई. उन्हें लोग प्यार से उन्हें दद्दू भी बुलाते थे. यह भी मशहूर था कि बतौर कोषाध्यक्ष वे पार्टी की पाई-पाई का हिसाब रखते थे और फिजूल खर्च नहीं होने देते थे.
अविभाजित मध्यप्रदेश के मंत्री से मुख्यमंत्री तक का सफर
मोतीलाल वोरा 13 मार्च 1985 में मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री बने. 13 फरवरी 1988 तक करीब 3 साल वे मुख्यमंत्री रहे. 14 फरवरी 1988 में केंद्र के स्वास्थ्य परिवार कल्याण और नागरिक उड्डयन मंत्रालय का कार्यभार संभाला. अप्रैल 1988 में वोरा राज्यसभा के लिए चुने गए. जनवरी 1989 से दिसंबर 1989 तक रहे. इसके बाद दूसरी बार वे मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री रहे. 26 मई 1993 से 3 मई 1996 तक उत्तरप्रदेश के राज्यपाल रहे. उनके राज्यपाल रहते हुए 1995 में यूपी गेस्टहाउस कांड हुआ था. बीजेपी कार्यकर्ताओं ने राजभवन में धरना दिया था और सपा सरकार को भंग करने की मांग की थी.