कोरबा (सेंट्रल छत्तीसगढ़) :-अखिल भारतीय किसान संघर्ष समन्वय समिति और संयुक्त किसान मोर्चा के देशव्यापी आह्वान पर जिले में भी किसान आंदोलन में हुए शहीदों को गांव गांव में श्रद्धांजलि सभा आयोजित कर श्रधांजलि दी गई।
पाली ब्लॉक के रैनपुर, उड़ता,सिरकी खुर्द कटघोरा ब्लॉक के गंगानगर, मडवाढोढा,मोंगरा, पुरैना,दादरपारा,भैरोताल,कपाटमुड़ा,अवधनगर कोरबा ब्लॉक के बालको समेत अनेकों गांव में श्रधांजलि सभा आयोजित किया गया।छत्तीसगढ़ किसान सभा के जवाहर सिंह कंवर, प्रताप दास, प्रशांत झा,हेम सिंह,मान सिंह माकपा पार्षद सुरती कुलदीप, जनवादी महिला समिति की प्रदेश संयोजक धनबाई ने सभा को संबोधित किया।
किसान सभा के उपाध्यक्ष प्रताप दास ने ग्रामीण जन समुदाय को इन कृषि कानूनों के किसान विरोधी होने, इसका विरोध कर रहे किसान आंदोलन का सरकार द्वारा निर्ममता के साथ दमन करने और अभी तक 35 से ज्यादा किसानों के शहीद होने की जानकारी दी। किसान नेताओं ने केंद्र की मोदी सरकार से अपनी हठधर्मिता छोड़ने और सुप्रीम कोर्ट की सलाह के अनुसार इन कानूनों की वैधता का परीक्षण होने तक इनके अमल पर रोक लगाने की भी मांग की।
किसान नेता हेम सिंह ने कहा कि चूंकि इन कानूनों को बनाने से पहले किसानों, किसान संगठनों और संसदीय समिति तक से कोई सलाह-मशविरा नहीं किया गया और राज्यसभा में विधेयक पर मतदान की मांग को नजरअंदाज करते हुए गैर-लोकतांत्रिक ढंग से पारित कराया गया है, आम जनता की नजरों में इन कानूनों की कोई वैधता नहीं है और इसे वापस लिया जाना चाहिए। इस किसान आंदोलन में 35 से ज्यादा किसानों की शहादत के लिए मोदी सरकार को जिम्मेदार ठहराते हुए उन्होंने कानूनों की वापसी तक आंदोलन जारी रखने की बात कही है। सभा में प्रमुख रूप से नंदलाल कंवर, जनकदास,दीपक साहू,पुरषोत्तम कंवर, संजय यादव,मान सिंह, उत्तम दास, उमेद, वेदप्रकाश, दिलहरण चौहान, दिलहरण बिंझवार,देवकुंवर उपस्थित थे।