रायपुर (सेंट्रल छत्तीसगढ़ ): राजधानी में रोजगार सहायक संघ के बैनर तले रोजगार सहायकों ने धरना प्रदर्शन किया. रोजगार सहायकों ने 3 सूत्रीय मांगों को लेकर धरना दिया. इस धरने में प्रदेशभर के हजारों गांव के रोजगार सहायक मौजूद थे. कांग्रेस रोजगार सहायकों से सरकार बनने के बाद नियमित करने का वादा किया था. लेकिन सरकार बनने के 2 साल बाद भी सरकार ने इन्हें नियमित नहीं किया. इस कारण इन्हें सड़क पर उतरकर लड़ाई लड़नी पड़ रही है.
रोजगार सहायक संघ का एक दिवसीय धरनारायपुर के बूढ़ा तालाब धरना स्थल पर मंगलवार को प्रदेशभर के हजारों रोजगार सहायक अपनी 3 सूत्रीय मांग को लेकर जुटे.रोजगार सहायक संघ का धरनारोजगार सहायकों की प्रमुख मांगे
ग्राम रोजगार सहायकों का वेतनमान निर्धारण और नियमितीकरण किया जाए.नगर पंचायत या नगर निगम में विलय होने वाले ग्राम पंचायत के रोजगार सहायक उक्त निकाय में शामिल किए जाएं.पंचायत सचिव पद पर रोजगार सहायकों को वरीयता के आधार पर नियुक्त किया जाए.
रोजगार सहायक 14 साल से दे रहे सेवा
कर्मचारियों का कहना है कि प्रदेश के ग्राम पंचायतों में रोजगार सहायक लगभग 14 सालों से अपनी सेवाएं दे रहे हैं. रोजगार सहायक शासन की विभिन्न योजनाओं में पूरी ईमानदारी और निष्ठा के साथ कार्य कर रहें हैं. मनरेगा के अलावा प्रधानमंत्री आवास, राशन कार्ड, स्मार्ट कार्ड, मतदाता सूची और गोधन न्याय योजना में काम की जिम्मेदारी दी गई है. लेकिन रोजगार सहायकों से बिना मानदेय यह कार्य पूरा किया जा रहा है.
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सरकार की वादाखिलाफी से हताश और परेशान होकर रोजगार सहायकों ने अभियान चलाकर ब्लॉक स्तर पर रैली निकाली और ज्ञापन सौंपा था. कर्मचारियों ने 7 दिसंबर को जिला स्तर पर रैली निकालकर धरना देने के साथ मुख्यमंत्री और पंचायत मंत्री के नाम कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा था. इसके बाद भी उनकी मांगों पर कोई सुनवाई नहीं हुई. जिसके कारण रोजगार सहायक प्रदेश स्तर पर राजधानी में प्रदर्शन कर रहें हैं.