कोरबा/पाली (सेंट्रल छत्तीसगढ़) :- दुपहिया (सायकल) पर विश्व भ्रमण पर निकले जापानी सायकल यात्री 16 देशों की 50000 किमी यात्रा के पश्चात भारत पहुँच देश की अनेकता में एकता और यहां की संस्कृति सभ्यता से अभिभूत है।
इस साईकिल यात्रा की शुरुआत 4 साल पूर्व हुई थी। इन्होंने अपनी यात्रा का आरम्भ 2016 में जापान से किया। जो कोरिया, चीन,इंडोनेशिया,ऑस्ट्रेलिया, मलेशिया,कम्बोडिया, वियतनाम, ताइवान, फिलीपींस, थाईलैंड,वर्मा, बांग्लादेश आदि 16 देशों से होते हुए भारत में प्रवेश किया जो अब भी अनवरत जारी है।
विश्व के विभिन्न देशों की सभ्यता संस्कृति से रूबरू होने विश्व यात्रा पर निकले टोक्यो (जापान) निवासी 30 वर्षीय योका मातो साईकिल से ही लगभग 50 किलो वजनी दैनिक आवश्यकता की सामग्री लादकर प्रतिदिन औसतन 80 किमी का सफर तय करते हैं।
इन्हें इस देश की संस्कृति, सभ्यता और भारतीयों का व्यवहार सबसे अच्छा लगा। जापानी इंग्लिश और टूटी फूटी हिंदी भाषा में संवाद कर अपनी यात्रा के विषय में जानकारी दी।कोरोना के कारण इसकी यात्रा भी बाधित हुई।यात्रा में स्थानीय जनों का सहयोग मिलता है।यात्रा के दौरान विविध संस्कृति, सभ्यता, और खान पान, रहन सहन से रूबरू हो रहा है।इस पड़ाव पर पाली में रघुदुबे के लाज पर रात्रि विश्राम किया।
पाली पहुंचे जापानी साइकिल यात्री ने पाली के ऐतिहासिक शिव मंदिर के दर्शन पूजन किया और यहां की अपनी यादों को कैमरे में कैद किया।
सेवाभावी युवकों ने जापानी यात्री को चैतुरगढ़ के दर्शन कराए।वही आज चैतमा के निकट नरसिंगगंगा का भी भृमण कराया।चैतमा चौकी में प्रभारी मंगतू राम, पत्रकार इसहाक मोहम्मद, सुकालू प्रजापति आदि चैतमा के गणमान्य नागरिक, जनप्रतिनिधि ने गुलदस्ता भेंटकर स्वागत अभिनन्दन भी किया।
पाली से दीपक शर्मा की रिपोर्ट..!