कोरिया (सेन्ट्रल छत्तीसगढ़ ): तमिलनाडु और पुडुचेरी में आ रहे निवार तूफान का असर छत्तीसगढ़ में भी देखने को मिल रहा है. निवार तूफान के कारण प्रदेश के भरतपुर विकासखंड के अलग-अलग इलाकाें में दो दिन से रुक-रुककर बारिश हो रही है. बारिश के कारण जहां ठंड में बढ़ोतरी हुई है, वहीं किसान अपनी फसलों को लेकर परेशान हैं. बेमौसम बरसात के कारण खेत में काटकर रखी गई धान की फसल को भी नुकसान पहुंच रहा है.
बारिश ने बढ़ाई धान के भंडारण की चिंता
छत्तीसगढ़ में 1 दिसंबर से धान की खरीदी होनी है, ऐसे में किसानों के पास धान के भंडारण की समस्या खड़ी हो गई है. किसानों का कहना है कि मौसम में बार-बार हो रहे बदलाव के कारण धान को रखना उनके लिए एक चुनौती बनकर सामने आ रही है. अब तक 1 नवंबर से धान खरीदी शुरू की जाती थी, लेकिन इस साल धान खरीदी 1 दिसंबर से शुरू करने का निर्णय लिया गया है, जिससे किसान परेशान हैं.
खेतों में पानी भरने के कारण नहीं हो पा रहा धान का उठाव
किसानों का कहना है कि बारिश के कारण खेतों में पानी भर गया है, जिसकी वजह से कटे धान का उठाव नहीं हो पा रहा है. उनका कहना है कि अगर सरकार ने उनके धान पहले ही खरीद लिए होते, तो धान के भंडारण की दिक्कत नहीं होती, लेकिन धान खरीदी की तारीख बढ़ने के कारण वे खुले में अपना धान रखने को मजबूर हैं. इससे पहले किसान धान की मिजाई कर उसे सीधे खरीदी केंद्र में बेचने के लिए ले जाते थे, इससे किसानों का समय और पैसा दोनों बचता था. साथ ही रबी फसल की तैयारी को लेकर भी पर्याप्त समय मिल जाता था.