कोरबा (सेंट्रल छत्तीसगढ़) हिमांशु डिक्सेना:- पाली नगर पंचायत के वार्ड क्रमांक- 08 की निवासी एवं संवरा अनुसूचित जनजाति वर्ग की होनहार छात्रा संगीता मरावी पिता रामभरोस मरावी का चयन छत्तीसगढ़ सिविल सेवा परीक्षा में हो गया है।उसे 2 नवंबर को इंटरव्यू रायपुर जाकर देना था जिसके पहले स्थाई जाति प्रमाणपत्र सहित वांछित दस्तावेज जमा करना था।संगीता का अस्थाई जाति प्रमाणपत्र बना है जिसे स्थाई करने के लिए सभी तरह के आवश्यक प्रतिवेदनों के साथ आवेदन कटघोरा एसडीएम कार्यालय में किया गया है।जिसके लिए वह अपने अधिवक्ता भाई द्वारिका मरावी, पिता रामभरोस के साथ 15 दिन से चक्कर काट रही है पर एसडीएम अभिषेक शर्मा (प्रशिक्षु आईएएस) के द्वारा प्रमाण पत्र जारी नहीं किया जा रहा है।इधर संगीता को 07 नवम्बर को अंतिम अवसर इंटरव्यू के लिए सद्भावना पूर्वक दिया गया है।पर छानबीन के लिए जाति प्रमाण पत्र सहित सभी दस्तावेज 6 नवम्बर तक हर हाल में जमा करना है जिसे प्राप्त करने पूरा परिवार जद्दोजहद कर रहा है।कलेक्टर श्रीमती किरण कौशल से गुहार लगाने पर उन्होंने स्वयं कई बार एसडीएम को निर्देश दिए कि संगीता उस वर्ग की है जिन्हें प्रमाण पत्र जारी किया जाय लेकिन कोई सुनवाई नहीं होने से संगीता का भविष्य खतरे में है।भाई द्वारिका ने बताया कि एसडीएम द्वारा वर्ष 1950 के पूर्व का जमीन सम्बंधित प्रतिवेदन मांगा जा रहा जो पूर्व में ही आवेदन के प्रारूप 1, 2, 3 में दिया जा चुका है।इससे पहले रामभरोस के भाई राम कृपाल के पुत्र अनिल मरावी सहित इसी वंश के 5 लोगों का स्थाई जाति प्रमाण पत्र तत्कालीन एसडीएम द्वारा प्रस्तुत वंश वृक्ष व दस्तावेजो के आधार पर जारी किया जा चुका है और संगीता मरावी भी इसी वंश की रक्त संबंधी है व स्थाई प्रमाण पत्र हेतु पात्र है।परिजनों का कहना है कि कटघोरा एसडीएम ने जमीन के संबंध में पाली तहसीलदार को टीप कर जांच प्रतिवेदन मांगा है और जांच में समय लग रहा है।जबकि सारे दस्तावेज पूर्व में ही दे देने के कारण अभी कराई जा रही जांच का औचित्य समझ से परे है।पूरा परिवार परेशान है और कलेक्टर कार्यालय में धरना देने का मन बना चुका है।ईश्वर न करे इस लेट लतीफी और घुमाने के चक्कर मे कहीं संगीता इंटरव्यू से चूक गयी तो अधिकारियों को जवाब देते नहीं बनेगा।