2023 तक सौ फीसदी घरो में साफ पेयजल पहुंचाने का लक्ष्य.. CM भूपेश बघेल ने किया 238 करोड़ 56 लाख 86 हजार रूपए की लागत के 658 कार्यों का वर्चुअल भूमिपूजन.. डॉ महंत ने की अध्यक्षता.

रायपुर(सेंट्रल छत्तीसगढ़) :- मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने आज राजधानी रायपुर स्थित अपने निवास कार्यालय से वीडियो कान्फ्रेसिंग के द्वारा जल जीवन मिशन के तहत जिले में 238 करोड़ 56 लाख 86 हजार रूपए की लागत के 658 कार्यों का भूमि पूजन किया. मुख्यमंत्री श्री बघेल ने इस अवसर पर रायगढ़, कांकेर, बीजापुर, दुर्ग, राजनांदगांव और रायपुर जिलों के जल जीवन मिशन के हितग्राहियों से रू-ब-रू होकर चर्चा की. कार्यक्रम की अध्यक्षता विधानसभा अध्यक्ष डॉ चरणदास महंत ने की.

इस अवसर पर लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री गुरू रूद्रकुमार, कृषि मंत्री श्री रविन्द्र चौबे, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री श्री मोहम्मद अकबर, स्कूल शिक्षा मंत्री श्री प्रेमसाय सिंह टेकाम, नगरीय प्रशासन मंत्री डॉ. शिव डहरिया, उद्योग मंत्री श्री कवासी लखमा, महिला एवँ बाल विकास मंत्री श्रीमती अनिला भेंडिया, राजस्व मंत्री श्री जयसिंह अग्रवाल और वरिष्ठ विधायक श्री सत्यनारायण शर्मा, श्री बृहस्पति सिंह भी उपस्थित थे.

साथ ही मुख्य सचिव श्री अमिताभ जैन, मुख्यमंत्री के अपर मुख्य सचिव श्री सुब्रत साहू, लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग के सचिव श्री सिद्धार्थ कोमल सिंह परदेशी, जल जीवन मिशन के संचालक श्री एस.प्रकाश, प्रमुख अभियंता, श्री टी. जी. कोसरिया उपस्थित थे.

जाने.. क्या है जलजीवन मिशन.

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 15 अगस्त 2019 को देश के हर घर में पाइप के जरिए पानी मुहैया कराने के लिए एक मिशन का एलान किया था. इसका नाम जल जीवन मिशन है. जल जीवन मिशन 3.60 लाख करोड़ रुपये की योजना है. बजट 2020 में जल जीवन मिशन के लिए 11,500 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया था. लेकिन बाद में यह बजट बढ़ गया. जल शक्ति मंत्रालय के ताजा आंकड़ों के मुताबिक, पूरे वित्त वर्ष 2020-21 में, जल जीवन मिशन के कार्यान्वयन के लिए 23,500 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं.

इसके अलावा 2020-21 में ग्रामीण स्थानीय निकायों को 15वें वित्त आयोग का 50 फीसदी अनुदान, यानी 30,375 करोड़ रुपये का अनुदान दिया जा रहा है. इसका उपयोग जलापूर्ति और स्वच्छता के लिए किया जाएगा. इससे गांवों में पेयजल आपूर्ति प्रणालियों के बेहतर नियोजन, कार्यान्वयन, प्रबंधन, संचालन और रखरखाव में मदद मिलेगी, ताकि लोगों को नियमित और दीर्घकालिक आधार पर पीने योग्य पानी मिलता रहे.

PPE व CSR की भी साझेदारी.

जल जीवन मिशन के तहत संयुक्त राष्ट्र एजेंसियों, गैर-सरकारी संगठनों/सीबीओ, सीएसआर संगठनों, ट्रस्टों, प्रतिष्ठानों आदि सहित प्रतिष्ठित राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय एजेंसियों के साथ साझेदारी कायम की जा रही है. विभिन्न राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों ने 2024 से पहले मिशन के लक्ष्य को पूरा करने के लिए प्रतिबद्धता दर्शायी है. इस मिशन के तहत कर्नाटक, अरुणाचल प्रदेश, केरल, मध्य प्रदेश, मणिपुर, मिजोरम, नगालैंड, त्रिपुरा, छत्तीसगढ़ ने 2023 में 100 फीसदी कवरेज की योजना बनाई है. जबकि असम, आंध्र प्रदेश, झारखंड, महाराष्ट्र, ओडिशा, राजस्थान, तमिलनाडु, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, पश्चिम बंगाल जैसे राज्यों ने 2024 के लिए योजना बनाई है.