कोरिया(सेंंट्रल छत्तीसगढ़):- जिले के नगर पंचायत खोंगापानी को एसईसीएल से मिली डेढ़ करोड़ से अधिक की राजस्व राशि आखिर कहां खर्च की गई. यह जानकारी अब तक स्पष्ट नहीं हाे सकी है. मामले में उपाध्यक्ष और पार्षदों ने जिम्मेदार अफसरों से जवाब न मिलने पर कलेक्टर से इसकी शिकायत की है. साथ ही राशि किन कार्यों में खर्च की गई है. इसकी समुचित जांच कराए जाने की मांग की गई है.
नगर पंचायत उपाध्यक्ष राजाराम कॉल कहना है कि हमने सबसे पहले नगर पंचायत खोगपनी के तत्कालीन सीएमओ रमेश द्विवेदी मामले लिखित शिकायत की थी और 11 पार्षदों ने सहमति के साथ विशेष बैठक बुलाने के लिए लेकिन बैठक नहीं बुलाई गई. इसके बाद हमने तत्कालीन सीएमओ स्मरण पत्र भी दिया.
1 करोड़ 60 लाख का गबन!
तत्कालीन सीएमओ ने बताया कि नोट शीट के माध्यम से अध्यक्ष धीरेंद्र विश्वकर्मा बैठक बुलाने के लिए कहा गया था. लेकिन आज तक मामले में कोई बैठक नहीं बुलाई गई है. आरोप है कि सभी पैसों का बंदरबांट किया गया है. क्योंकि कोई लेखा-जोखा नहीं है और कोई हिसाब किताब पता नहीं है. अब इतना समय मिल गया है कि फाइलों में कंप्लीट कर लिया गया होगा. क्योंकि मैंने शासन प्रशासन को मामले को अवगत पहले ही करा दिया था. उसके बावजूद भी बैठक नहीं बुलाया गया. मामले में उपाध्यक्ष और पार्षदों ने जिम्मेदार अफसरों से जवाब न मिलने पर कलेक्टर से इसकी शिकायत की है.
नगर पंचायत खोंगापानी नेता प्रतिपक्ष जगदीश मधुकर ने बताया कि मेरे जिस वार्ड नंबर 4 पार्षद हूं. मैंने विवेकानंद चौक की बनाने की मांग रखी थी, जिसकी लगभग 7 महीने पहले सीएमओ अध्यक्ष के द्वारा भूमि पूजन भी किया था. एसईसीएल से जो राशि प्राप्त हुई उससे बनना था लेकिन नहीं बन पाया. एसईसीएल से जो राशि आई है, वह राशि कहां खर्च हो गई. उसकी हमने और समस्त पार्षद ने बार-बार विशेष बैठक मांग की गई. लेकिन आज तक ना ही विषय बैठक बुलाई गई और राशि की कहां खर्च की गई उसकी जानकारी नहीं दी गई.
विवेक चतुर्वेदी ने बताया कि वह राशि एसईसीएल के द्वारा समेकित व संपत्ति कर के रूप में नगर पंचायत खोंगापानी को दी गई थी. वह राशि नगर के विकास और मूलभूत सुविधााओं के लिए आई था. प्रशासनिक अधिकारी के द्वारा बताया गया कि निर्माण कार्य कराया गया है. लेकिन नगर में जिस निर्माण कार्य को प्राथमिकता के आधार में करना था जो नहीं हो पाया. इसके पीछे मानसिकता क्या रही होगी. यह स्पष्ट हो पाएगा उस समय की कार्यकाल की जांच होनी चाहिए.
वहीं कोरिया कलेक्टर श्याम धावडे ने बताया कि नगर पंचायत खोगपनी के पार्षदों ने शिकायत की है. वहां लगभग एक करोड़ 60 लाख नगर पंचायत को मिला था. वह रुपए विकास कार्य में खर्च करना था लेकिन विकास कार्य में ना करके अन्य जगहों पर खर्च कर दिया गया. ऐसा लगात है कि वित्तीय अनियमितता की गई है. प्रथम दृष्टया मुझे भी लगता है कि शिकायत गंभीर है. इसलिए मैंने अपर कलेक्टर की अध्यक्षता में 3 सदस्य की टीम गठित कर दी है. उन्होंने बताया कि जांच में जो भी तथ्य सामने आएंगे उस आधार पर कार्रवाई होगी.