हॉकी के जादूगर मेजर ध्यानचंद की याद में राष्ट्रीय खेल दिवस के मौके पर आयोजित हुए विविध कार्यक्रम

कोरबा(सेंट्रल छत्तीसगढ़)अजय राय :- भारत में राष्ट्रीय खेल दिवस प्रत्येक वर्ष 29 अगस्त को मनाया जाता है. 29 अगस्त को मनाने का कारण यह है कि इस दिन भारत के दिग्गज हॉकी प्लेयर मेजर ध्यान चन्द कुशवाहा का जन्म हुआ था. मेजर ध्यान चन्द को हॉकी का जादूगर कहा जाता है. उन्होंने हॉकी खेल में भारत का नाम ऊँचा किया था, इस लिए इनके जन्म दिन को राष्ट्रीय खेल दिवस के रूप में मनाया जाता है।इस अवसर पर जिले के खिलाड़ियों व खेल संघ के पदाधिकारियों ने दर्री बांध स्थित मेजर ध्यानचंद चौक में स्थापित प्रतिमा का माल्यार्पण किया।

. खेल दिवस के अवसर पर नगर निगम महापौर राजकिशोर प्रसाद जिला ओलंपिक संघ कोरबा के प्रमुख नौशाद खान, एसडीएम कटघोरा कौशल तेंदुलकर,तारकेश मिश्रा,अजय राय सहित विभिन्न खेलों के प्रमुख भी उपस्थित रहे।
इस दौरान अतिथियों ने उपस्थित खिलाड़ियों को संबोधित करते हुए खेल के बारे में जागरूकता फैलाने के लिए शैक्षिक और सार्वजनिक संस्थानों में खेल आयोजन आयोजित किए जाने की बात कही।.
वहीं देश के प्रतिभावान खिलाड़ियों को राष्ट्रपति इस दिन राष्ट्रपति भवन में मेजर ध्यानचंद खेल रत्न पुरस्कार प्रदान कर सम्मानित करते हैं.

राष्ट्रीय खेल दिवस का महत्व
राष्ट्रीय खेल दिवस मेजर ध्यानचंद की विरासत का सम्मान करने और हमारे जीवन में खेल के महत्व को स्वीकार करने के लिए मनाया जाता है. जीवन में शारीरिक गतिविधियों और खेलों के महत्व के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए विभिन्न कार्यक्रम, सेमिनार आदि सरकार द्वारा आयोजित किए जाते हैं.

जानें मेजर ध्यानचंद के बारे में

मेजर ध्यानचंद का जन्म 29 अगस्त 1905 को इलाहाबाद में हुआ था और वह अपने समय के महान हॉकी खिलाड़ी थे. उन्हें हॉकी खिलाड़ी के स्टार या “हॉकी का जादूगर” के रूप में जाना जाता था, क्योंकि उनकी अवधि के दौरान, उनकी टीम ने वर्ष 1928, 1932 और 1936 के दौरान ओलंपिक में स्वर्ण पदक हासिल किए थे. उन्होंने 1926 से 1949 तक 23 वर्षों तक अंतरराष्ट्रीय स्तर पर हॉकी खेली. उन्होंने अपने करियर में कुल 185 मैच खेले और 570 गोल किए. वह हॉकी के बारे में इतना समर्पित थे कि वह चांदनी रात में खेल के लिए अभ्यास किया करते थे, जिससे उसका नाम ध्यानचंद पड़ गया. 1956 में, ध्यानचंद को पद्म भूषण पुरस्कार से सम्मानित किया गया, वह यह सम्मान पाने वाले तीसरे नागरिक थे.