देहरादून (सेन्ट्रल छत्तीसगढ़ ) : हिंदू धर्म में कुंभ मेले का बहुत महत्व है. ये दुनिया का सबसे बड़ा धार्मिक कार्यक्रम है. भारत में हर 12वें वर्ष हरिद्वार, प्रयागराज, उज्जैन और नासिक में आयोजित होता है. हालांकि, इस बार हरिद्वार में महाकुंभ का आयोजन 11 साल पर ही किया जा रहा है.
महाकुंभ 2021
इस बार 6 प्रमुख स्नान
इस बार महाकुंभ में 6 प्रमुख स्नान हैं, जिसमें पहला स्नान मकर संक्रांति को 14 जनवरी के दिन हो चुका है. कुंभ का दूसरा स्नान 11 फरवरी को मौनी अमावस्या के दिन, तीसरा स्नान 16 फरवरी को बसंत पंचमी के दिन होगा. बसंत पंचमी को मां सरस्वती की पूजा की जाती है. वहीं चौथा स्नान 27 फरवरी को माघ पूर्णिमा पर, पांचवां स्नान 13 अप्रैल को चैत्र शुक्ल प्रतिपदा और छठा प्रमुख स्नान 21 अप्रैल को रामनवमी के दिन होगा.
महाकुंभ में बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं और संत-साधुओं के आगमन की संभावना को देखते हुए आध्यात्मिक राजधानी हरिद्वार को तैयार किया जा रहा है. मौजूदा समय तक महाकुंभ से जुड़े लगभग सभी कार्य पूरे कर लिए गए हैं. कुछ कार्य बचे हुए हैं, जो युद्ध स्तर पर चल रहे हैं. ऐसे में ईटीवी भारत आपको बताने जा रहा है कि महाकुंभ मेले को लेकर अभी तक शासन स्तर पर कितने दौर की बैठकें हुईं और मेला क्षेत्र में किन कार्यों को पूरा किया गया है.
हरिद्वार पहुंच रहे साधु-संत
कोरोना महामारी के बीच महाकुंभ 2021 का आयोजन हरिद्वार में होने जा रहा है. कोरोना ने महाकुंभ की तैयारियों में रोड़ा अटकाया है. क्योंकि 4 हजार करोड़ के बजट वाला महाकुंभ महज 800 करोड़ रुपए में सिमट गया है. साथ ही उत्तराखंड सरकार मात्र 48 दिनों के लिए महाकुंभ का आयोजन कर रही है.
महाकुंभ को लेकर 84 कार्य
महाकुंभ की व्यवस्थाओं के लिए कुल 86 कार्य चिन्हित किए गए थे. जिसमें दो कार्यों को निरस्त करते हुए कुल 84 कार्य किए गए हैं. सरकार ने मेला क्षेत्र के विकास के लिए 12 विभागों को 77 कार्य सौंपे थे. इसमें से लगभग सभी कार्य पूरे हो गए हैं. इन सभी विभागों को कार्य करने के लिए करीब 404 करोड़ रुपए की धनराशि स्वीकृत की गई थी.
हालांकि, महाकुंभ की व्यवस्थाओं के लिए चिन्हित किए गए 84 कार्यों में अधिकांश कार्य पूरे हो चुके हैं. राज्य सरकार ने पहले ही तय कर दिया था कि 31 जनवरी तक सभी कार्यों को पूर्ण कर लिया जाएगा और इसी बात को बीते दिन मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने निरीक्षण के दौरान अधिकारियों को निर्देश देते हुए दोहराया था.
कुंभ की भव्यता और दिव्यता होती है बेमिसाल
शासन स्तर पर 36 बैठकें
महाकुंभ मेले की व्यवस्थाओं को लेकर वर्तमान समय तक शासन स्तर पर करीब 36 बैठकें हो चुकी हैं. महाकुंभ मेले को लेकर सबसे पहले 5 जुलाई 2017 को मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत की अध्यक्षता में बैठक हुई. उसके बाद से अभी तक करीब 14 बैठकें मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत की अध्यक्षता में हो चुकी हैं. इसके साथ ही शहरी विकास मंत्री मदन कौशिक की अध्यक्षता में दो बैठक, मुख्य सचिव की अध्यक्षता में 15 बैठकें, गढ़वाल आयुक्त की अध्यक्षता में 4 बैठकों के साथ ही शहरी विकास सचिव की अध्यक्षता में एक बैठक हो चुकी है. शासन स्तर से अतिरिक्त कुंभ मेले के लिए नियुक्त किए गए कुंभ मेलाधिकारी की अध्यक्षता और आईजी गढ़वाल की अध्यक्षता में तमाम बैठकें हो चुकी हैं.
महाकुंभ को लेकर साल बैठकों का विवरण
- महाकुंभ मेले की तैयारियों के संबंध में साल 2017 में मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत की अध्यक्षता में मात्र एक बैठक हुई.
- महाकुंभ मेले की तैयारियों के संबंध में साल 2018 में शासन स्तर पर चार बैठकें हुईं थी.
- महाकुंभ मेले की तैयारियों के संबंध में साल 2019 में शासन स्तर पर 10 बैठकें हुईं.
- महाकुंभ मेले की तैयारियों के संबंध में साल 2020 में शासन स्तर पर 18 बैठकें हुईं.
- साल 2021 में अभी तक शासन स्तर पर 3 बैठकें हो चुकी हैं. इनमें 2 बैठक मुख्यमंत्री और एक बैठक मुख्य सचिव की अध्यक्षता में हुई.
महाकुंभ मेले के हुए 77 कार्य
- महाकुंभ मेले की व्यवस्थाओं के लिए 12 विभागों के माध्यम से कुल 77 कार्य कराए गए. इसके लिए 404 करोड़ 59 लाख 50 हजार रुपए की धनराशि स्वीकृत की गई थी.
- लोक निर्माण विभाग के तहत कुल 30 कार्यों की स्वीकृति हुई. इसके लिए 105 करोड़ 86 लाख 43 हज़ार रुपए की धनराशि स्वीकृत की गई.
- सिंचाई विभाग के तहत कुल 15 कार्यों की स्वीकृति हुई, जिसके लिए 162 करोड़ 86 लाख 46 हज़ार रुपए की धनराशि स्वीकृत की गई.
- पेयजल निगम के तहत कुल 6 कार्यों की स्वीकृति हुई, जिसके लिए 13 करोड़ 20 लाख 71 हज़ार रुपए की धनराशि स्वीकृत की गई.
- जल संस्थान के तहत कुल 7 कार्यों की स्वीकृति हुई, जिसके लिए 4 करोड़ 94 लाख 23 हज़ार रुपए की धनराशि स्वीकृत की गई.
- गृह विभाग के तहत कुल 10 कार्यों की स्वीकृति हुई, जिसके लिए 19 करोड़ 2 लाख 22 हज़ार रुपए की धनराशि स्वीकृत की गई.
- जल संस्थान अनुरक्षण शाखा के तहत कुल 2 कार्यों की स्वीकृति हुई, जिसके लिए 6 करोड़ 75 लाख 24 हज़ार रुपए की धनराशि स्वीकृत की गई.
- स्मार्ट सिटी लिमिटेड के तहत एक कार्य की स्वीकृति हुई, जिसके लिए 49 करोड़ 71 लाख 14 हज़ार रुपए की धनराशि स्वीकृत की गई.
- पर्यटन विभाग के तहत एक कार्य की स्वीकृति हुई, जिसके लिए 2 करोड़ 32 लाख रुपए की धनराशि स्वीकृत की गई.
- मेलाधिष्ठान के तहत दो कार्यों की स्वीकृति हुई, जिसके लिए 15 करोड़ 06 लाख 04 हज़ार रुपए की धनराशि स्वीकृत की गई.
- वन विभाग के तहत एक कार्य की स्वीकृति हुई, जिसके लिए 1 करोड़ 14 लाख 37 हज़ार रुपए की धनराशि स्वीकृत की गई.
- परिवहन विभाग के तहत एक कार्य की स्वीकृति हुई, जिसके लिए 1 करोड़ 81 लाख 65 हज़ार रुपए की धनराशि स्वीकृत की गई.
- ऊर्जा विभाग के तहत एक कार्य की स्वीकृति हुई, जिसके लिए 21 करोड़ 88 लाख 96 हज़ार रुपए की धनराशि स्वीकृत की गई.
बेदाग होगा महाकुंभ का आयोजन
हरिद्वार में महाकुंभ कार्यों के निरीक्षण के दौरान सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा था कि महाकुंभ मेला पूरी तरह बेदाग और भव्य तरीके से आयोजित होगा. कुंभ मेला क्षेत्र में सभी कार्य बेहतर और व्यवस्थित तरीके से किए गए हैं. उन्होंने कहा कि कोरोना का संक्रमण अभी खत्म नहीं हुआ है. ऐसे में महाकुंभ को दिव्य और भव्य के साथ सुरक्षित बनाना भी राज्य सरकार की जिम्मेदारी है. इसके लिये केंद्र सरकार ने एसओपी जारी की है. यही नहीं, कुंभ में श्रद्धालुओं को स्वच्छता, आस्था, धार्मिक परम्पराएं एवं लोक संस्कृति भी देखने को मिलेगी.
महाकुंभ की व्यवस्थाओं से जुड़े अधिकांश कार्य हुए पूर्ण
उत्तराखंड सरकार के प्रवक्ता मदन कौशिक ने कहा कि महाकुंभ की सभी व्यवस्थाओं को मुकम्मल करने के लिए 31 जनवरी तक का समय तय किया गया है. हालांकि, दिसंबर 2020 तक भी कई काम पूरे कर लिए गए थे. महाकुंभ क्षेत्र को जोड़ने वाली सड़कों पर काम जारी है. अंडरग्राउंड कार्यों को भी पूरा कर लिया गया है, लिहाजा जनवरी अंत तक सभी कार्यों को पूर्ण कर लिया जाएगा.