सुकमा के एर्राबोर और दरभागुड़ा के पास नक्सलियों ने 7 वाहनों को किया आग के हवाले

सुकमा {सेन्ट्रल छत्तीसगढ़ }: भारत बंद के एक दिन पहले जिले में एक बार फिर से नक्सलियों ने उत्पात मचाते हुए अपनी उपस्थिति दर्ज कराई है. सुकमा के एर्राबोर और दरभागुड़ा के पास नक्सलियों ने 7 वाहनों में आगजनी की है. इस मामले की पुष्टि सुकमा एसपी केएल ध्रुव ने की है.

नक्सलियों का उत्पात

नक्सलियों ने सात वाहनों को किया आग के हवाले

दरसअल आज शाम जिले के एर्राबोर और दरभागुड़ा के बीच नक्सलियों का एक झुंड पहुंचा और गाड़ियों को रोककर उनमें आगजनी कर दी. जिसके बाद नक्सलियों ने घटना स्थल पर पर्चे भी फेंके हैं. पर्चे में नक्सलियों ने भारत बंद को सफल बनाने की बात कही है. कुल सात वाहनों में नक्सलियों ने आग लगाई है. हालांकि इस घटना में किसी भी वाहन चालक को नुकसान नहीं पहुंचा है. इधर घटना की सूचना मिलते ही सुरक्षाबल के जवानों को घटना स्थल के लिए रवाना किया गया और जवानों की तरफ से घटना स्थल के आसपास सर्चिग की जा रही है.

23 अप्रैल की रात दंतेवाड़ा में नक्सलियों ने रची थी ट्रेन डीरेल करने की साजिश

जगदलपुर से किरंदुल के लिए जा रही पैसेंजर ट्रेन को नेरली-बचेली के बीच नक्सलियों ने डीरेल करने की साजिश रची थी, जिसे लोको पायलट की सूझबूझ से टाल दिया गया. लोको पायलट की सूझबूझ से बड़ा रेल हादसा टल गया.नक्सलियों ने नेरली और बचेली के बीच जंगल में करीब 40 फीट ऊपर बनी ब्रिज पर पटरी काट दी थी, ताकि ट्रेन नीचे गिर जाए. हालांकि लोको पायलट ने नक्सलियों के नापाक मंसूबों को नाकाम कर दिया. प्रतिदिन किरंदुल से विशाखापत्तनम के बीच पेसेंजर ट्रेन चलती है. शुक्रवार की शाम विशाखापत्तनम से जगदलपुर पहुंचने के बाद ट्रेन किरंदुल के लिए शाम को रवाना हुई. करीब शाम 7:30 बजे पैसेंजर ट्रेन नेरली और बचेली के बीच जंगल में पहुंची, तो लोको पायलट को लगा कि पटरी में कुछ गड़बड़ी है और उन्होंने फौरन ब्रेक लगा दिया. हालांकि इस दौरान एक इंजन और एक बोगी डीरेल हो गई. गनीमत रही कि ट्रेन पुल के नीचे 40 फीट खाई में नहीं गिरी. हादसे के वक्त ट्रेन में 35 यात्री और 4 क्रू मेंबर सवार थे.