रायपुर(सेंट्रल छत्तीसगढ़): सिलगेर मामले समेत 13 सूत्रीय मांगों को लेकर सर्व आदिवासी समाज का प्रदेश भर में आंदोलन जारी है. इस बीच शनिवार को सर्व आदिवासी समाज के प्रतिनिधि मंडल की गुप्त बैठक सीएम हाउस में रखी गई थी, जिसमें मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और छत्तीसगढ़ कांग्रेस प्रभारी पीएल पुनिया के साथ बैठक हुई थी, लेकिन ढाई घंटे इंतजार करने के बाद भी इन प्रतिनिधि मंडल की मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और पीएल पुनिया से मुलाकात नहीं हो पाई. जिसके बाद प्रतिनिधिमंडल ने बैठक का बहिष्कार कर दिया और नारेबाजी करते हुए सीएम हाउस से बाहर निकल आए. इस दौरान प्रतिनिधि मंडल ने ईटीवी भारत से खास बातचीत में बताया कि हमें बुलाकर अपमानित किया गया. हम खुद को अपमानित महसूस कर रहे हैं. अब सरकार को बात करनी है तो उन्हें बस्तर आना होगा. बस्तर में ही सरकार की आदिवासियों के बीच बात होगी.
आदिवासी समाज ने बैठक का बहिष्कार कियासवाल: सीएम हाउस के बाहर आप लोगों ने नारेबाजी की, वजह क्या थी? जवाब: हम लोगों को बुलाया गया था. शाम 7 बजे का समय दिया गया था. हमारे कई साथी दूरदराज से आए हुए थे, लेकिन बैठक में लेट हो रहा था. बहुत से लोग 6 बजे से बैठे हुए थे. ऐसा करके हम लोग ढाई घंटे तक इंतजार करते रहे. हमें केवल चाय-पानी पिलाया जा रहा था, जिसके चलते हमारे लोगों को इंतजार करना असहनीय हो गया था. उसके बाद हम लोगों ने 15 मिनट का और समय दिया, बावजूद नहीं बुलाया गया. उसके बाद बैठक का बहिष्कार कर हम लोग बाहर निकल आए.
सवाल: सीएम हाउस में किसके द्वारा बैठक बुलाई गई थी?
जवाब: हमारे विधायक हैं उनके द्वारा यह बैठक बुलाई गई थी. उन्होंने कहा था कि पीएल पुनिया के सामने आप लोग बस्तर की समस्या और अपनी मांगों को रखें.
सवाल: अब आप लोगों की आगे की क्या रणनीति होगी?
जवाब: अब आगे की रणनीति यह है कि अब जो भी बात होगी बस्तर में होगी. जिन्हें भी बात करनी है वह बस्तर में आकर आदिवासियों से बात करें.
सवाल: आप लोग काफी दूर से आए हैं, बुलावे के बाद भी आप लोगों से मुलाकात नहीं हुई, अब इस मुद्दे को किस तरह उठाएंगे?
जवाब: हमने महसूस किया कि आदिवासियों को बुलाकर के अपमान किया जा रहा है. हमने अपमानित महसूस किया. इसलिए वहां से निकले हैं. अब वापस हम लोग बस्तर जाएंगे. अब वहां जाकर के जिसको भी बात करनी है, चाहे विधायक हो या सीएम हो वह बस्तर में आकर ही बात करें. बस्तर की समस्या है अब बस्तर में ही बात होगी.
सवाल: प्रदेश में 29 विधानसभा सीटें अदिवासियों की है, क्या पार्टी बनाकर आने वाले समय में चुनाव लड़ेंगे?
जवाब: ऐसा किसी भी तरह का हमारा विचार नहीं है. अलग से चुनाव लड़ने की हमारी कोई योजना नहीं है. हम सिर्फ समाज को जगाने और समाज को एक संगठित रूप में लाना चाहते हैं. यही हमारे समाज का काम है.