कोरबा (सेंट्रल छत्तीसगढ़) हिमांशु डिक्सेना:- विकासखंड की एक आंगनबाड़ी कार्यकर्ता साइबर ठगी का शिकार हो गई. ठगों ने खुद को महिला एवं बाल विकास विभाग रायपुर का अफसर बताते हुए भुगतान के नाम पर कार्यकर्ता से एक अज्ञात खाते में 15 हजार रकम जमा करा लिये. इतना ही नही बल्कि शातिर ठगों ने कार्यकर्ता से उसके एटीएम कार्ड का पिन, आधार कार्ड और करीब दर्जन भर हितग्राहियों का पूरा ब्यौरा भी हासिल कर लिया. कार्यकर्ता की बेटी को जब यह लेनदेन संदिग्ध लगा तो उसने एक पत्रकार को इसकी सूचना दी. पत्रकार की सलाह पर पीड़िता की बेटी फौरन पाली थाने पहुंची. यहाँ थाना प्रभारी लीलाधर राठौर ने तत्परता दिखाते हुए एटीएम कार्ड को ब्लॉक कराया जिससे अज्ञात ठग खाते से रकम का आहरण नही कर पाए. इस मामले की लिखित शिकायत पाली थानेदार को दी गई है. कार्यकर्ता ने पूरे मामले से पाली खण्ड के परियोजना अधिकारी को भी पूरे मामले से अवगत करा दिया है.
इस बारे में बताया गया कि पाली क्षेत्र में महिला एवं बाल विकास विभाग के द्वारा गर्भवती एवं स्तनपान कराने वाली माताओं के लिए मातृवन्दना योजना का संचालन किया जा रहा है. इसके तहत हितग्राही महिलाओं को एक निश्चित रकम उनके खाते में जमा कराई जाती है. यह पूरी प्रक्रिया विभाग में सेवारत आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं के द्वारा पूरी की जाती है. कल दोपहर करीब एक बजे पाली निवासी आंगनबाड़ी कार्यकर्ता शकुंतला साहू को एक अज्ञात नम्बर 7634970706 से फोन आया. कॉलर ने खुद को महिला एवं बाल विकास विभाग के अधिकारी होने का हवाला दिया और मातृवन्दना योजना की जानकारी एकत्र की. उन्होंने कार्यकर्ता से सभी हितग्राहियों की सूची मांगी साथ ही कुछ लाभार्थियों को भुगतान नही होने की बात कही. भुगतान के नाम पर अज्ञात ठग ने शकुंतला साहू से एक खाते फोन पे लिंक के माध्यम से 15 हजार रुपये जमा कर लिए. शातिर ठगों ने कार्यकर्ता के निजी खाते का एटीएम नम्बर और आधार कार्ड क्रमांक भी हासिल कर लिया.
कुछ देर बाद जब शकुंतला साहू की बेटी की यह लेनदेन संदिग्ध लगा तो उसने कटघोरा के एक पत्रकार को इसकी जानकारी दी. उनसे जब कॉलर एप्प पर उक्त नम्बर को डायल किया तो वह बिहार राज्य का निकला. पत्रकार की सलाह पर बेटी फौरन पाली थाने पहुंची और टीआई को प्रकरण की जानकारी दी. उन्होंने एटीएम नम्बर फौरन ब्लाक करा दिया जिससे कार्यकर्ता एक बड़ी रकम की ठगी का शिकार होने से बच गई. शंकुतला साहू ने लिखित शिकायत पुलिस को दे दी है.
हितग्राहियों को भी किया फोन.
शकुंतला साहू ने बताया कि कार्ड के ब्लॉक करते ही ठग उसे लगातार भुगतान के लिए फोन करते रहे. जब उनसे फोन नही उठाया तो ठगों ने हितग्राहियों को भी एक अन्य नम्बर से फोन मिलाया. जानकारी के अनुसार जिस फोन पे खाते में 15 हजार डिपॉजिट किया गया था वह मध्यप्रदेश के कटनी जिले के आईसीआईसीआई बैंक का खाता बताया जा रहा है.
लोगो मे जागरूकता पर ठग भी बदल रहे रणनीति.
बीते कुछ समय से जिले समेत पूरे प्रदेश में ठगी के मामलो में बढ़ोत्तरी देखी गई है. पुलिस और बैंक संस्थान लोगो को उनकी वित्तीय सुरक्षा के लिए उन्हें अलग अलग माध्यम से जागरूक भी कर रहे है जिसके सुखद परिणाम देखने को मिले है. कभी खुद को बैंक मैनेजर बताकर रकम उड़ाने वाले शातिर ठग गिरोह के लोग अब शासकीय सेवको को बड़े अफसर होने का हवाला देकर निशाना बना रहे है. इस तरह विभागीय कर्मचारी भी आसानी से उनके झांसे में आ रहे है. शकुंतला साहू ने बताया कि भौतिक सत्यापन व योजनाओं के क्रियान्वयन की जानकारी लेने बड़े अधिकारियों का फोन आना कोई नई बात नही है. अक्सर अधिकारी फोन पर सर्वे, भुगतान आदि का ब्यौरा लेते रहते है. इस बार भी उन्हें यही लगा लेकिन वह ठगी का शिकार हो गई.