रेमडेसिविर इंजेक्शन की कालाबजारी करते हुवे रायपुर में 2 गिरफ्तार

रायपुर(सेंट्रल छत्तीसगढ़): छत्तीसगढ़ में कोरोना (Corona in Chhattisgarh) ने हर किसी को खौफजदा कर दिया है. इस बीच कुछ दवाईयां ऐसी हैं, जो कोरोना से जिंदगी बचा सकती हैं. अब इन दवाईयों की कालाबाजारी शुरू हो गई है. इंसान के एक-एक सांस की कीमत लगाई जा रही है. इन्हीं दवाईयों और इंजेक्शन में से एक रेमडेसिविर भी है. प्रदेश में रेमडेसिविर इंजेक्शन की कालाबाजारी जारी है. रायपुर पुलिस ने कालाबाजारी के आरोप में 2 लोगों को गिरफ्तार किया है.

Remedicivir injection

रेमडेसिविर इंजेक्शनपुलिस कालाबाजारी करने वालों पर रख रही नजरदरअसल, रायपुर जिले में लॉकडाउन (Lockdown in Raipur district) और बढ़ती कोरोना महामारी के बीच आवश्यक औषधि रेमडेसिविर इंजेक्शन की कालाबाजारी की खबरें लगातार देखने को मिल रही है. इसे रायपुर जिला प्रशासन (Raipur District Administration) ने गंभीरता से लिया है. ऐसे लोगों को चिन्हांकित करने का लगातार प्रयास किया जा रहा है. इसी कड़ी में रायपुर पुलिस ने 2 आरोपियों को गिरफ्तार किया है. पुलुिस ने बलौदाबाजार निवासी सूर्यकांत यादव और रोहिणीपुरम निवासी विक्रम सिंह को रायपुर में गिरफ्तार किया है. इनके खिलाफ प्रतिबंधात्मक कार्रवाई की गई है. आगे की जांच जारी है. पुलिस इस मामले से जुड़े अन्य तथ्यों के बारे में भी पता लगा रही है. दोनों से पूछताछ में अगर और लोगों के नाम सामने आते हैं, तो उनके खिलाफ भी जल्द कार्रवाई की जाएगी.



लगातार कार्रवाई की जाएगी: कलेक्टर

कलेक्टर डाॅ. एस भारतीदासन ने कहा है कि ऐसे समय में जब कोरोना महामारी के रूप में लोगों के जीवन पर संकट आया है, जीवनरक्षक औषधि की कालाबाजारी करना बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है. उन्होंने कहा है कि कालाबाजारी करने वालों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.

निजी अस्पतालों में नहीं होगी रेमडेसिविर इंजेक्शन की सप्लाई

इससे पहले रेमडेसिविर इंजेक्शन (remdesivir injection) की कमी को देखते हुए धमतरी कलेक्टर जयप्रकाश मौर्य ने सख्त कदम उठाया था. जिले के किसी भी निजी हॉस्पिटल के डॉक्टर और मरीजों को रेमडेसिविर इंजेक्शन की पर्ची नहीं लिखने के निर्देश दिए गए थे. कलेक्टर के आदेश का उल्लंघन करने पर कार्रवाई की जाएगी. रेमडेसिविर इंजेक्शन की कमी और अधिक कीमतों में बेचे जाने की शिकायत कलेक्टर जयप्रकाश मौर्य को मिली थी. आदेश में साफतौर पर कहा गया है कि अब किसी भी निजी हाॅस्पिटल में मरीजों को रेमडेसिविर इंजेक्शन की पर्ची डाॅक्टर नहीं लिख सकेंगे और अगर वे ऐसा करते हैं, तो उन पर कार्रवाई की जाएगी.