रायपुर में जीते जी कफ़न क्यो ओढ़ रहे लोग..


रायपुर( सेंट्रल छत्तीसगढ़): 
राजधानी में कोरोना योद्धा (Corona warriors) सांकेतिक शव रखकर प्रदर्शन (dead body demonstration) कर रहे हैं. कोरोना योद्धा सेवा समाप्ति को निरंतर जारी रखने की मांग को लेकर बीच सड़क पर कफन ओढ़कर सरकार को जगाने की कोशिश कर रहें हैं. 24 अगस्त से ये कोरोना योद्धा बूढ़ातालाब धरनास्थल से प्रदर्शन कर रहे हैं. लेकिन जब इनकी ओर कोई भी ध्यान नहीं दे रहा है तो इन्होंने कफन ओढ़कर सरकार तक अपनी बात पहुंचाने की कोशिश की है.

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सड़क पर कफन ओढ़ कर किया प्रदर्शन

छत्तीसगढ़ के कोरोना योद्धा सेवा समाप्ति को निरंतर जारी रखने की मांग को लेकर राजधानी में पिछले 62 दिनों से सरकार को जगाने के लिए प्रदर्शन कर रहे हैं. बावजूद इसके सरकार के द्वारा अब तक कोरोना योद्धाओं की किसी प्रकार की कोई सुध नहीं ली गई. जिससे नाराज होकर प्रदेशभर के कोरोना योद्धा सुबह से सड़क पर कफन ओढ़कर प्रदर्शन कर रहे हैं. ताकि सरकार को जगाया जा सके. इसके पहले इसी तरह का प्रदर्शन अनुकंपा नियुक्ति की मांग को लेकर अनुकंपा संघ की तरफ से किया गया था.

रायपुर में स्वास्थ्य विभाग में काम करने वाले कोरोना योद्धा कोरोना की पहली और दूसरी लहर (first and second wave of corona) में जी तोड़ मेहनत करके कोरोना से संक्रमित हजारों मरीजों की जान बचाई. खुद भूखे प्यासे रहकर कोरोना संक्रमित मरीजों की अच्छी तरह से देखभाल और उनका इलाज किया. लेकिन अब शासन प्रशासन के द्वारा स्वास्थ्य विभाग में काम करने वाले प्रदेश के कई कोरोना योद्धाओं की सेवा को समाप्त कर दिया गया है. सेवा समाप्ति को निरंतर जारी रखने की मांग को लेकर कोरोना योद्धा अब सड़क की लड़ाई लड़ने को मजबूर है. पिछले 62 दिनों से राजधानी में प्रदर्शन कर रहे हैं और सरकार के खिलाफ विरोध जता रहे हैं.

कोरोना के बढ़ते आंकड़ों के बीच बेरोजगारों को दी गई थी नौकरी

मार्च 2020 में कोरोना की पहली लहर और अप्रैल 2021 के महीने में कोरोना की दूसरी लहर ने दस्तक दी थी. उस दौरान स्वास्थ्य विभाग में कोरोना योद्धा के तौर पर नर्सिंग स्टाफ और स्वास्थ्य की जानकारी रखने वाले ट्रेंड बेरोजगारों को शासन-प्रशासन के द्वारा अस्थाई तौर पर कोरोना संक्रमित मरीजों की देखभाल के लिए रखा गया था. लेकिन कोरोना संक्रमण (Corona Infection)की रफ्तार कम होने के बाद अस्थाई रूप से सेवा में रखे गए कोरोना योद्धाओं को नौकरी से निकाल दिया गया. उनकी सेवाएं समाप्त कर दी गई है. जिसको लेकर कोरोना योद्धा अब आर-पार की लड़ाई के मूड में दिख रहे हैं.

कोरोना कम होने के बाद नौकरी से हटाया

कोरोना संक्रमण को देखते हुए शासन प्रशासन के द्वारा प्रदेश के सभी जिलों में कोरोना योद्धा के रूप में डॉक्टर, माइक्रोबायोलॉजिस्ट, नर्सिंग स्टाफ, लैब टेक्नीशियन, एएनएम, स्वास्थ्य संयोजक, वार्ड बॉय, कंप्यूटर ऑपरेटर और सफाईकर्मी जैसे कर्मचारियों को नियुक्त किया गया था. लेकिन कोरोना की रफ्तार कम होने के साथ ही कोरोना संक्रमित मरीजों का ग्राफ गिरने के बाद स्वास्थ्य विभाग में अस्थाई तौर पर रखे गए इन कर्मचारियों को सेवा समाप्ति का नोटिस थमा कर या तो हटा दिया गया या फिर उन्हें बर्खास्त कर दिया गया. जिसका विरोध पहले भी इन लोगों के द्वारा किया गया था और आज भी प्रदर्शन करने को मजबूर है.