रायपुर में एक माह में चालीस लड़कियों का अपहरण, पुलिस पर उठे सवाल..


रायपुर(सेंट्रल छत्तीसगढ़):- 
छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में बेटियों के गायब (missing daughter cases) होने के मामले में तेजी आई है. हत्या, रेप, चोरी जैसी घटनाओं की तरह अब बेटियों के लापता होने के मामले लगातार बढ़ते जा रहे हैं. लापता बेटियों को खोजने में पुलिस को पसीना छूट रहा है. राजधानी के ज्यादातर थानों में बहला फुसलाकर भगा ले जाने के मामलों की शिकायतें दर्ज हो रही है. स्मार्ट पुलिसिंग का तमगा अपने नाम दर्ज की हुई रायपुर पुलिस के हाथ इस मामले में पूरी तरह खाली है.

एक माह में 40 बेटियां लापता
पुलिस से मिले आंकड़ों के मुताबिक पिछले माह यानी नवंबर में कुल 40 मामले अपहरण का दर्ज हुआ. इनमें सबसे अधिक 16 साल से कम उम्र की लड़कियां (girls under 16) शामिल हैं. एक दिसंबर से लेकर अब तक की यदि बात की जाए तो करीब 19 बेटियां लापता हुई हैं. सभी 19 बेटियां नाबालिग हैं. ऐसे में पुलिस की कार्य प्रणाली पर सवाल (Question about the functioning of the police) खड़े हो रहे हैं. चूंकि इस मामले में पुलिस ने कोई बड़ी कार्रवाई नहीं की है.


नाबालिग हुई दुष्कर्म की शिकार
चार दिन पहले ही राजधानी रायपुर के सरस्वती नगर थाने में एक दुष्कर्म का मामला सामने आया था. इसमें आरोपी पहले तो नाबालिग को बहला-फुसलाकर अपने साथ ले गया. उसके बाद उसे अपनी हवस का शिकार बनाया. इस मामले में परिजनों ने नाबालिक की गुमशुदगी की रिपोर्ट सरस्वती नगर थाने में दर्ज कराई थी. पुलिस ने किसी तरह की कोई कार्रवाई नहीं की. यदि समय रहते पुलिस नाबालिग को ढूंढ लेती तो दुष्कर्म होने से रोका जा सकता था.

सिटी एएसपी ने कहा, पुलिस है तत्पर
इस मामले को लेकर रायपुर सिटी एएसपी तारकेश्वर पटेल ने कहा कि ऐसा कहना गलत है कि गुमशुदगी के मामले बढ़े हैं. जो भी गुमशुदगी के मामले आते हैं, उसमें जो नाबालिग होते हैं उस पर हम 363 का मामला पंजीबद्ध करते हैं. वयस्क होते हैं, उसमें गुमशुदगी का मामला दर्ज करते हैं. दोनों ही मामलों में पुलिस मुस्तैदी से पता तलाश करती है. विशेषकर ज्यादा फोकस नाबालिक बच्चों की बरामदगी में रहता है.