रायपुर (सेंट्रल छत्तीसगढ़): छत्तीसगढ़ सरकार का शिक्षा विभाग आज से निरक्षरों का सर्वे शुरू करने जा रहा है. इसके लिए स्वयंसेवी शिक्षक तय होंगे. पढ़ना-लिखना अभियान के तहत प्रदेशव्यापी निरक्षरों के चिन्हांकन और सर्वे का काम 14 से 19 दिसंबर तक किया जाएगा.
निरक्षरों का सर्वे
116 विकासखंड और 100 नगरीय निकाय के वार्डों में निरक्षरों का चिन्हांकन होगा. सर्वेदल कक्षा संचालन के लिए स्वयंसेवी शिक्षक का भी चिन्हांकन किया जाएगा. सर्वे टीम के सदस्य कोविड-19 के नियमों का पालन करते हुए घर-घर दस्तक देंगे. सर्वे टीम में शामिल सदस्य घर-घर जाएंगे और वहां पर जानकारी लेंगे कि घर में कितने शिक्षित लोग हैं और कितने ऐसे लोग हैं, जिन्हें अक्षरों का ज्ञान नहीं है. ऐसे लोगों की एक सूची तैयार की जाएगी और बाद में इन्हें पढ़ना-लिखना अभियान के तहत शिक्षित किया जाएगा.
निरक्षरों को दी जाएगी शिक्षा
छत्तीसगढ़ सरकार के शिक्षा विभाग की महत्वाकांक्षी योजना लॉकडाउन के समय से शुरू की गई है. इस योजना में उन लोगों को शामिल किया जाता है, जो साक्षर नहीं हैं. जो कभी स्कूल नहीं गए हैं, जिन्होंने पढ़ाई-लिखाई नहीं की है. सरकार ऐसे लोगों को शिक्षित करने का प्रयास करेगी. ‘प्रारंभिक शिक्षा सभी को’ इस विचार से इस योजना को शुरू किया गया है.
केंद्रीय शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल ‘निशंक’ ने भी कहा था कि सरकार की नई साक्षरता योजना ‘पढ़ना लिखना अभियान’ 2030 तक पूर्ण साक्षरता के लक्ष्य को हासिल करने की दिशा में एक बड़ी छलांग साबित होगी.
उन्होंने कहा था कि कार्यक्रम का मुख्य लक्ष्य देशभर के ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में 15 साल और इससे अधिक आयु के 57 लाख निरक्षर वयस्कों को साक्षर बनाना है. इस अभियान में महिलाओं, अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और अन्य वंचित समूहों को शामिल किया गया है.