रायगढ: मवेशियों की तस्करी करने की फिराक में थे दो आरोपी, ग्रामीणों ने पकड़ा..

रायगढ़ (सेंट्रल छत्तीसगढ़)’साकेत वर्मा : एक तरफ छत्तीसगढ़ सरकार लगातार पशुओं के संरक्षण पर जोर दे रही है, तो दूसरी ओर मवेशी तस्कर अपने फायदे के लिए बेजुबान पशुओं को मारकर उनसे मोटी कमाई करने में लगे हुए हैं.

आवाज सुनकर उठा मालिक

जानकारी के मुताबिक, सारंगढ़ तहसील के पाठ गांव में दो युवक बाइक से रात लगभग डेढ़-दो बजे के आसपास भजोराम भारती के घर में घुसे. दोनों युवक आंगन में बंधे मवेशी के मुंह को पकड़कर उस पर वार कर रहे थे, तभी आवाज सुनकर घर में सो रहे भजोराम की नींद खुल गई और उसने घरवालों और पड़ोसियों को आवाज लगाई. जिसे देखकर दोनों आरोपी अपनी बाइक को वहीं छोड़कर भागने लगे. जिन्हें गांव वालों ने दौड़ाकर पकड़ लिया और डायल 112 को फोन कर घटना की जानकारी दी.

आरोपियों को न्यायालय में किया गया पेश

बता दें कि पकडे़ गए दोनों आरोपी कोसीर के बेड़िहार पारा से बताए जा रहें हैं, जिनका नाम धनीराम और सम्मेलाल है. फिलहाल दोनों आरोपियों पर पशु क्रूरता अधिनियम 429 के तहत अपराध पंजीबद्ध कर लिया गया है.

सरकार पर सवाल

प्रदेश में इन दिनों मवेशियों की तस्करी और मौत के मामले लगातार सामने आ रहे हैं. ऐसे में स्थानीय प्रशासन पर सवाल उठ रहे हैं. आरोपियों के हौसले बुलंद हैं. यही वजह है कि इस तरह की वारदातों में लगातार इजाफा हो रहा है. मवेशियों के साथ ऐसा होना कहीं न कहीं राज्य सरकार की मवेशियों के संरक्षण के लिए चलाई जा रही योजनाओं पर भी सवाल उठाता है.