कोरबा(सेंट्रल छत्तीसगढ़):- कलेक्टर रानू साहू ने आज समय सीमा की साप्ताहिक बैठक में भूमिहीन कृषि मजदूर पंजीयन की भी समीक्षा की। उन्होंने करतला और कटघोरा विकासखण्डों में आवेदन की धीमी गति पर नाराजगी जाहिर की और सभी पात्र हितग्राहियों का आवेदन तेजी से प्राप्त करने के निर्देश दिए। श्रीमती साहू ने प्राप्त आवेदनों में उल्लेखित जानकारी एवं तथ्यों का सत्यापन भी शुरू करने के निर्देश राजस्व अधिकारियों को दिए। कोरबा जिले में राजीव गांधी ग्रामीण भूमिहीन कृषि मजदूर न्याय योजना का लाभ दिलाने के लिए ग्राम पंचायतों में तेजी से हर दिन पंजीयन किया जा रहा है। कोरबा जिले में अब तक में कुल पांच हजार 270 हितग्राहियों ने भूमिहीन कृषि मजदूर के रूप में पंजीयन के लिए आवेदन किया है। योजना के अंतर्गत भूमिहीन कृषि मजदूरों का पंजीयन 30 नवंबर तक किया जाएगा। पात्र चयनित हितग्राही परिवार के मुखिया को एक या दो किस्तों में छह हजार रुपये की अनुदान सहायता राशि सीधे उनके बैंक खातों में डी.बी.टी. के माध्यम से जमा की जाएगी। एक सितंबर से अब तक विकासखंड कोरबा से एक हज़ार 706, पौड़ी उपरोड़ा विकासखंड से एक हजार 156, पाली विकासखंड से एक हज़ार 419, कटघोरा विकासखंड से 288, एवं विकासखंड करतला से 701, आवेदन प्राप्त हो चुके हैं। राज्य सरकार की इस योजना के तहत प्रत्येक भूमिहीन परिवार को सालाना छह हजार रुपये की अनुदान सहायता राशि दी जाएगी।
राज्य शासन द्वारा वित्तीय वर्ष 2021-22 के लिए भूमिहीन कृषि मजदूरों के रूप में पंजीयन के लिए हितग्राहियों को आवेदन फार्म ग्राम पंचायत कार्यालय में प्रस्तुत करना होगा। इस आवेदन फार्म में मुखिया का नाम, गांव का पता,पटवारी हल्का नंबर, सदस्यों का विवरण,बैंक खाता,आधार कार्ड आदि का विवरण दर्ज करना होगा। सभी ग्राम पंचायतों में पंजीयन की प्रक्रिया चल रही है। हितग्राही परिवार को जरूरी दस्तावेज के साथ आवेदन करने के पश्चात पावती भी पंचायत सचिव से प्राप्त होगी। पंचायत सचिवों द्वारा प्राप्त आवेदनों को ग्रामवार मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत कार्यालय में निर्धारित समय सीमा के भीतर जमा करना होगा। इस कार्यालय के पोर्टल में प्राप्त आवेदनों की इंट्री की जाएगी। ततपश्चात राजस्व अधिकारियों द्वारा भुइयां रिकार्ड के आधार पर इन प्रविष्टियों का परीक्षण किया जाएगा। पोर्टल में प्रर्दशित नियमो के अनुसार जनपद पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी द्वारा पंजीयन की कार्यवाही की जाएगी। भूमिहीन कृषि मजदूर के अंतर्गत जिले के ऐसे व्यक्ति को चिन्हांकित किया जाएगा जिनके पास कोई कृषि भूमि या वन अधिकार पट्टा नहीं है। ग्रामीण भूमिहीन कृषि मजदूर परिवार के अंतर्गत चरवाहा, बढ़ई, लोहार, मोची, नाई, धोबी, पौनी पसारी व्यवस्था से जुड़े परिवार तथा अन्य वर्ग आएंगे जिनके पास कोई कृषि भूमि ना हो।