कोरबा(सेंट्रल छत्तीसगढ़):- छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा पिछले वर्ष प्रदेश में फसल उत्पादन को प्रोत्साहित करने और किसानों को उनकी उपज का सही दाम दिलाने के लिए दूरगामी निर्णय लेते हुए राजीव गांधी किसान न्याय योजना शुरू की गई है। इस योजना के तहत इस वर्ष कोरबा जिले के 29 हजार 950 किसानों को 81 करोड़ 16 लाख रूपये से अधिक की सहायता मिलेगी। यह सहायता चार किस्तों में किसानों के बैंक खातों में सीधे जायेगी। मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल देश के पूर्व प्रधानमंत्री स्व.श्री राजीव गांधी की पुण्यतिथि 21 मई के दिन राजधानी रायपुर से वीडियो कांफ्रेसिंग के जरिए इस वर्ष की पहली किस्त जारी करेंगे। पहली किश्त के रूप में जिले के किसानों को 22 करोड़ 03 लाख 56 हजार रूपये का कल भुगतान किया जायेगा। इस योजना के तहत वर्ष 2020-21 में सहकारी समिति लैम्पस के माध्यम से उपार्जित धान फसल के किसानों को सहायता राशि दी जायेगी। इस योजना के तहत पिछले वर्ष कोरबा जिले के 23 हजार 832 किसानों को 67 करोड 62 लाख 79 हजार रूपए की राशि मिली है।
धान के बदले दूसरी फसलों की खेती पर मिलेगी प्रति एकड़ 10 हजार रूपए की इनपुट सब्सिडी-छत्तीसगढ़ सरकार ने आगामी खरीफ सीजन 2021 से धान वाले रकबे में धान के बदले अन्य चिन्हित खरीफ फसलों की खेती करने वाले किसानों को प्रति एकड़ के मान से 10 हजार रूपए की इनपुट सब्सिडी दिए जाने का निर्णय लिया है। इससे राज्य में धान के अलावा अन्य फसलों के उत्पादन को प्रोत्साहन मिलेगा। छत्तीसगढ़ सरकार ने खरीफ सीजन 2020 से आगामी वर्षों में धान की खेती पर प्रतिवर्ष प्रति एकड़ 9000 रूपए इनपुट सब्सिडी देने फैसला लिया है। छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा कोदो का समर्थन मूल्य 3 हजार रूपए प्रति क्विंटल निर्धारित किया गया है। गौठानों में तैयार सुपर कम्पोस्ट खाद न्यूनतम मूल्य 6 रूपए प्रति किलो की दर से किसानों को उपलब्ध कराई जाएगी।
इसी तरह वर्ष 2020-21 में जिन किसानों ने समर्थन मूल्य पर धान बेचा है, यदि वह धान के बदले कोदो-कुटकी, गन्ना, अरहर, मक्का, सोयाबीन, दलहन, तिलहन, सुगंधित धान, अन्य फोर्टिफाइड धान की फसल लेते हैं अथवा वृक्षारोपण करते हैं तो उन्हें प्रति एकड़ 9 हजार रूपए के स्थान पर 10 हजार रूपए इनपुट सब्सिडी दी जाएगी। वृक्षारोपण करने वालों किसानों को तीन वर्षों तक अनुदान मिलेगा। राज्य सरकार ने राजीव गांधी किसान न्याय योजना का आगामी खरीफ सीजन 2021-22 से दायरा बढ़ाते हुए इसमें धान के साथ-साथ खरीफ की सभी प्रमुख फसलों मक्का, सोयाबीन, गन्ना, कोदो-कुटकी, अरहर के उत्पादकों को भी प्रतिवर्ष 9 हजार रूपए प्रति एकड़ की दर से इनपुट सब्सिडी देने का निर्णय लिया गया। खरीफ सीजन 2020 में धान के रकबे वाले खेतों में यदि किसानों द्वारा आगामी खरीफ सीजन 2021 से धान को छोड़कर कोई दूसरी चिन्हित फसलों की खेती की जाती है, तो उन्हें 10 हजार रूपए की इनपुट सब्सिडी प्रति एकड़ के मान से दी जाएगी। खेतों में पेड़ लगाने वाले किसानों को आगामी तीन वर्ष तक प्रतिवर्ष 10 हजार रूपए की इनपुट सब्सिडी दी जाएगी।