राजनांदगांव: पुराने बार दाने में होगी धान खरीदी, डेढ़ करोड़ से ज्यादा की आवश्यकता लेकिन पहुंचे सिर्फ 1600 गठान बारदाने..

राजनांदगांव (सेंट्रल छत्तीसगढ़) साकेत वर्मा : समर्थन मूल्य पर धान खरीदी की तैयारी जोरों पर है, लेकिन इस बार धान खरीदी पुराने ही बारदानों में हो सकती है. क्योंकि जिले में धान खरीदी के लिए डेढ़ करोड़ से ज्यादा बारदानों की आवश्यकता है. जबकि इस डिमांड के हिसाब से केवल 1600 गठान बारदाने ही उपलब्ध हो पाए हैं. ऐसी स्थिति में इस बार सोसाइटियों को पुराने ही बार दानों से काम चलाना पड़ेगा.

जिला सहकारी केंद्रीय बैंक से मिली जानकारी के अनुसार जिले में 1600 गठान बारदाने पहुंच चुके हैं. जिसे मार्केट के गोदाम में सुरक्षित रखा गया है. पीडीएस के बार दानों के साथ-साथ मिलर्स के बारदानों का भी सत्यापन किए जाने की तैयारी है. नए बार दाने की कमी होने से धान खरीदी पर असर पड़ सकता है. खास बात यह है कि जिले में 60-40 के अनुपात में नए और पुराने बारदानों का उपयोग किया जाना है.

2020-21 में 67 लाख क्विंटल धान खरीदी का लक्ष्य

अधिकारियों की मानें तो वर्तमान में पीडीएस और मिलर्स के बारदानों की भरपूर व्यवस्था कर ली गई है. राजनंदगांव जिले में साल 2020-21 में किसानों से 67 लाख क्विंटल धान खरीदी का लक्ष्य रखा गया है. इसके लिए बारदानों की व्यवस्था सुनिश्चित कराई जा रही है. अधिकारिक सूत्रों की मानें तो इस साल भी धान खरीदी में नए और पुराने बारदाने का उपयोग किया जाएगा. 60-40 के अनुपात में बारदानों का उपयोग करने के निर्देश सोसाइटियों को दिए गए हैं.

60-40 के अनुपात में नए और पुराने बारदानों का उपयोग

मार्कफेड द्वारा बारदानों का बड़े पैमाने पर संग्रहण किया जा रहा है. अधिकारिक सूत्रों की मानें तो अब तक राजनांदगांव जिले में कोलकाता से 1600 गठान बारदाने पहुंच चुके हैं. पीडीएस के 2 हजार गठानों की व्यवस्था भी सुनिश्चित करा दी गई है. मिल मालिकों के 11 हजार गठान बारदानों का सत्यापन भी कर लिया गया है. नए बारदानों की आपूर्ति कम होने से आने वाले दिनों में काफी परेशानियां बढ़ सकती हैं. कोलकाता से भी कम बारदाने पहुंचे हैं. जबकि धान खरीदी में 60-40 के अनुपात में नए और पुराने बारदानों का उपयोग किया जाना है.

हर साल प्रभावित होती है खरीदी

बारदानों की कमी के चलते हर साल जिले में धान खरीदी प्रभावित हुई है. अफसर धान खरीदी के पहले बारदानों की उपलब्धता को लेकर के दावे करते हैं लेकिन इन दावों की पोल लगातार पिछले 5 सालों से खुलती आ रही है. इस बार भी बारदानों की कमी धान खरीदी शुरू होने से पहले सामने आ चुकी है. बावजूद इसके अफसर अभी भी इसकी उपलब्धता को लेकर के ढिलाई बरत रहे हैं.

इस मामले को लेकर के मार्कफेड के अधिकारी सौरभ भारद्वाज का कहना है कि जिले में 740 के अनुपात में बाढ़ दानों की व्यवस्था सुनिश्चित की जा रही है. इसके साथ ही बार दोनों का स्टॉक बढ़ाने के लिए भी पत्र लिखा गया है. ज्यादा से ज्यादा पीडीएस और मिलर्स के बारदानों की व्यवस्था की जा रही है नए बारदाने भी पहुंच चुके हैं.