मुनगाडीह के गांजर नाला पर पुल का इंतजार एक वर्ष पूर्व आज ही के दिन बह गया था पुल

कोरबा ( सेंट्रल छत्तीसगढ़) हिमांशु डिक्सेना :- एक वर्ष बाद भी पाली विखं में अतिवृष्टि से उतपन्न समस्या का स्थायी निदान नही हो पाया है, गत वर्ष भारी बारिश से बहे मुनगा डीह के गांजर नाले पर पुल का अभी इंतजार है।
गत वर्ष आज ही के दिन लोगों ने जब सुबह आंखें खोली तो अतिवृष्टि का मंजर देखा। पाली विकासखंड में 24 घंटे में ही 217 एमएम बारिश दर्ज किया जो एक दिन में सर्वाधिक बारिश का रिकॉर्ड रहा। पाली विखं मुख्यालय का लगभग सभी दूरदराज के ग्रामों से सड़क संपर्क कटा हुआ था। रात भर हुई मूसलाधार बारिश ने लगभग हर गांव को जलमग्न कर दिया था। नेशनल हाईवे मार्ग पर मुनगाडीह के गांजर नाला पर बने अंग्रेजों के जमाने के पुल के ऊपर 5 से 7 फीट पानी ऊपर चल रहा था। वही पोड़ी रोड पर स्थित टाटी नाला, गुंजन नाला,सहित सभी नालों की स्थिति भी कमोबेश एक जैसी थी। रात भर की मूसलाधार बारिश के बाद दोपहर जब बारिश थमी तो नदी नालों का पानी भी धीरे-धीरे कम हुआ। इस दौरान नेशनल हाईवे पर स्थित मुनगाडीह गांजर नाला पुल का एक हिस्सा भारी बारिश में बह गया था और इस नेशनल हाईवे मार्ग पर यातायात पूरी तरह अवरुद्ध हो गया। प्रशासन में हड़कंप मच गया। सैकड़ों राजकीय, अंतरराज्यीय वाहनों की सड़क के दोनों ओर लंबी कतार लग गई। प्रशासन के सामने इस नेशनल हाईवे मार्ग को तत्काल काम चलाऊ बनाने की चुनौती थी जिसे अस्थाई रपटा बनाकर किसी तरह हल्के वाहनों और यात्री वाहनों की आवाजाही के लायक बनाया गया जो अगले 2 महीने में कम से कम आधा दर्जन बार पुनः बारिश होने के कारण टूटता गया। फिर प्रशासन ने टूटे हुए पुल को मरम्मत लायक बनाया, वहीं शासन की ओर से राशि आवंटन के बाद नए पुल का निर्माण कार्य भी आरंभ हुआ ।एक साल बाद आज विशाल पुल का निर्माण हो चुका है लेकिन अप्रोच रोड का कार्य बाकी है वहीं भारी बारिश से तबाह बगदेवा से लेकर कटघोरा तक की सड़क मार्ग की खस्ताहाल को सुधार कर आवागमन के लायक बनाया गया है नगर पंचायत पाली के ढाई किलोमीटर सड़क मार्ग को नवीनीकरण किया जा रहा है। जबकि फोरलेन सड़क मार्ग का कार्य भी इस बरसात के बाद आरंभ हो जाएगा। वहीं दूसरी ओर पोड़ी के टाटी नाला के पुल के क्षतिग्रस्त होने के बाद 40 लाख रुपए की लागत से वैकल्पिक पुल मार्ग तैयार हो गया है जिससे आवागमन हो रहा है। इस मार्ग के चौड़ीकरण का कार्य हाल ही में आरंभ हुआ है। गत वर्ष भारी बारिश के बाद तबाही का मंजर 1 साल बाद लोगों को के जेहन में अभी भी बरकरार है।जिससे उबरने में अभी कुछ वक्त और लगेगा।