जशपुर (सेन्ट्रल छत्तीसगढ़) : – मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने पुरातात्विक जिला संग्रहालय का शुभारंभ किया. उन्होंने पुरातात्विक जिला संग्रहालय में गौरवमयी परंपराओं और जनजातीय समुदायों की संस्कृति और कलाकृतियों का अवलोकन किया. इस दौरान मुख्यमंत्री ने कहा कि इस संग्रहालय में जनजातीय समुदायों की संस्कृति का समावेश है. आदिवासी समाज के द्वारा सैकड़ों सालों से उपयोग की जा रहीं वस्तुएं यहां मौजूद हैं. संस्कृति, समाज और परंपरा को समझने के लिए यह आवश्यक है. भावी पीढ़ी के अध्ययन के लिए इन कलाकृतियों का संरक्षण बहुत महत्वपूर्ण है.
गले में मांदर लटकाकर बजाया
बजाया पाषाण कालीन शंख (स्टोन फ्लूट)
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने संग्रहालय में संग्रहित पाषाण शंख (स्टोन फ्लूट) को बजाकर भी देखा. यह स्टोन फ्लूट जशपुर के पत्थलगांव तहसील के खर कट्टा गांव में मिला था. स्टोन फ्लूट पत्थर का बना हुआ है. इसमें से शंख की ध्वनि निकलती है. इस स्टोन फ्लूट के बीचों-बीच एक छेद है जो मानव निर्मित है. इस फ्लूट के एक ओर आयताकार छिद्र है और दूसरी ओर त्रिभुजाकार छिद्र है.
कलाकृतियों का अवलोकन
मांदर की थाप में झूमे
मुख्यमंत्री बघेल ने संग्रहालय में गले में मांदर लटकाकर बजाया. उन्होंने कलाकारों को हमेशा अपनी संस्कृति और कला के क्षेत्र में आगे बढ़ाते रहने की बात कही है. लगभग 13 जनजातीय समुदाय के लोग यहां रहते हैं, जिनके दैनिक उपयोग की वस्तुएं वर्तमान में प्रचलन में नहीं है, उन्हें संग्रहालय में प्रदर्शित किया गया है. संग्रहालय में जिले की प्रागैतिहासिक वस्तुओं को संग्रहित किया गया है. जिसमें पुरापाषाण काल , मध्य पाषाण काल के शैल चित्र, पाषाण औजार, नवपाषाण काल के पाषाण औजार को प्रदर्शित किए गए हैं. संग्रहालय में जशपुर जिले की ऐतिहासिक वस्तुओं जैसे मंदिरों के छायाचित्र, सिक्के, मृदभांड के टुकड़े, तलवार, ईटें, पांडुलिपि आदि भी प्रदर्शित है. यहां जनजातियों की पुरानी वस्तुएं जो अब विलुप्ति की कगार में हैं, उन्हें भी प्रदर्शित किया गया है.
पुरातात्विक जिला संग्रहालय का शुभारंभ