मानसिक इलाज कराए सीएम भूपेश: विष्णु देव साय..

रायपुर( सेंट्रल छत्तीसगढ़): भाजपा प्रदेशाध्यक्ष विष्णु देव साय ने कहा है कि मुख्यमंत्री बघेल को किस बात की खीझ सता रही है, जो वे इस तरह की गरिमाहीन, असंसदीय टिप्पणियां कर दिन-रात खंभा नोचते नजर आ रहे हैं? हर मोर्चे पर विफलता प्रदेश सरकार के अपने कर्मों का नतीजा है तो फिर मुख्यमंत्री बघेल अपने से वरिष्ठ विपक्षी राजनेता और पूर्व मुख्यमंत्री के लिए ऐसी निम्नस्तरीय भाषा का इस्तेमाल करके क्या अपने दिमागी दीवालिएपन का परिचय नहीं दे रहे हैं? यह भाषा हर तरफ से मात खाने वाले एक अहंकारी मुख्यमंत्री के मानसिक असंतुलन के तुरंत इलाज की जरूरत को रेखांकित कर रही है.

साय ने कहा कि मुख्यमंत्री बघेल अपने दिमाग में यह बात अच्छी तरह बिठा लें कि भाजपा आज सत्ता में भले न हो, लेकिन लोगों के दिलों में पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह आज भी राज करते हैं. मुख्यमंत्री बघेल यह भी न भूलें कि कुछ महीनों पहले हुए एक सर्वेक्षण में डॉ. सिंह की लोकप्रियता के ग्राफ के सामने मुख्यमंत्री बघेल ने खुद को बेहद बौना पाया था.

पढ़ें-बारदाना संकट! भूपेश बोले, ‘मूर्खों जैसी बात न करें रमन सिंह’

‘धोखाधड़ी, लफ्फाजी और छलावा’

साय ने कहा कि पिछले दो साल के अपने शासनकाल में मुख्यमंत्री बघेल किसानों के साथ केवल धोखाधड़ी, छलावा और लफ्फाजी ही करते रहे हैं. धान खरीदी के बारे में उनकी विफलताओं पर जब सवाल उठता है तो वे खंभा नोचते केंद्र सरकार और प्रदेश के भाजपा नेताओं के खिला रूदाली-रोदन करने लगते हैं. साय ने कहा कि कांग्रेस की इस प्रदेश सरकार के झूठ का रायता अब सड़ांध मारने लगा है. मुख्यमंत्री बघेल को अपने राजनीतिक चरित्र का खोखलापन इतना विचलित कर रहा है कि न तो उनका अपनी सरकार, न प्रशासन और न ही अपनी शिष्ट राजनीतिक समझ पर भरोसा रह गया है.

‘बारदाना संकट नाकारापन का प्रमाण’

भाजपा प्रदेश अध्यक्ष साय ने कहा कि प्रदेश में बारदाना संकट प्रदेश सरकार के नाकारापन का प्रमाण है. इसका ठीकरा वे हर बार केंद्र सरकार पर फोड़कर अपने दिमागी फितूर का परिचय देते रहते हैं. जब देश के पंजाब जैसे राज्य में छत्तीसगढ़ से लगभग चार गुना ज्यादा धान वहां की सरकार खरीदने के लिए बारदानों की व्यवस्था कर लेती है तो फिर छत्तीसगढ़ के लिए बारदानों का इंतजाम करने से मुख्यमंत्री बघेल को रोका किसने था?

पढ़ें-‘रायपुर में वृक्षारोपण के लिए मिले 7 करोड़ रुपये का हुआ बंदरबांट’

धान खरीदी के लिए बारदाने का इंतज़ाम करना राज्य सरकार की जिम्मेदारी होती है. मुख्यमंत्री बघेल बताएं कि पिछले 10 सालों में केंद्र सरकार ने धान खरीदी के लिए राज्य सरकार को कब और कितने बारदाने मुहैया कराए?

‘झूठ का रायता फैला रही प्रदेश सरकार’

साय ने कहा कि झूठ का रायता फैला रही प्रदेश सरकार ने धान खरीदी के पुख्ता इंतजाम करने के बजाय पूरा वक्त केवल सियासी नौटंकियों और प्रलाप में जाया किया. किसानों का धान खरीदने से बचने के षड्यंत्रों के अपने ही बनाए मकड़जाल में उलझकर यह सरकार अब छटपटा रही है.

प्रदेश की धान खरीदी की पूरी व्यवस्था चौपट करके भाजपा से केंद्र सरकार को पत्र लिखने को कहना मुख्यमंत्री की राजनीतिक समझ पर एक बड़ा प्रश्नचिह्न खड़ा करने को पर्याप्त है. ये चिठ्ठीबाजी की कपटभरी सियासत मुख्यमंत्री बघेल को ही मुबारक हो. भाजपा तो जमीनी स्तर पर ठोस और सकारात्मक काम करके हर प्रदेशवासी के कल्याण और सुख के लिए प्रतिबद्ध होकर काम करती है. 15 सालों का भाजपा का शासन इस बात का प्रमाण है.