कोरबा(सेंट्रल छत्तीसगढ़):- अपनी मांगो को लेकर प्रदेश व्यापी हड़ताल में कोरबा जिले की भी कुछ आंगनबाड़ी कार्यकर्ता एवं सहायिकाएं भी शामिल हैं। कार्यकर्ताओं और सहायिकाओं की आंगनबाड़ियों से गैर मौजूदगी में भी छोटे बच्चों और गर्भवती महिलाओं एवं शिशुवती माताओं को आंगनबाड़ियों में सभी सुविधाएं मिल रही है। जिला प्रशासन ने हड़ताल की स्थिति में आंगनबाड़ी केन्द्रों के सुचारू संचालन के लिए स्थानीय स्तर पर वैकल्पिक व्यवस्था के रूप में महिला स्वसहायता समूहों और महिला शक्ति केन्द्रों के वॉलेंटियर्स को जिम्मेदारी सौंपी है। समूह की सदस्य और शक्ति केन्द्रों की वॉलेंटियर्स प्रतिदिन आंगनबाड़ी केन्द्रों में उपस्थित रहकर बच्चों को गर्म पका भोजन करा रही हैं। वहीं केन्द्रों गर्भवती महिलाओं और शिशुवती माताओं को पूरक-पोषण आहार भी मिल रहा है। आंगनबाड़ी केन्द्रों में आने वाले बच्चों को भी पोषण आहार का वितरण किया जा रहा है। ऐसे में आंगनबाड़ी केन्द्रों की कार्यकर्ताओं और सहायिकाओं की हड़ताल का जिले में आंगनबाड़ी केन्द्रों के संचालन की दृष्टि से कोई खास असर नहीं हुआ है।
महिला एवं बाल विकास विभाग के जिला कार्यक्रम अधिकारी श्री आनंद किस्पोट्टा ने आज यहां बताया कि छत्तीसगढ़ आंगनबाड़ी कार्यकर्ता एवं सहायिका संघ द्वारा अपनी मांगों को लेकर प्रदेश व्यापी हड़ताल 16 दिसंबर तक हड़ताल का आहवान किया गया है। इस हड़ताल में कोरबा जिले के दो हजार 548 आंगनबाड़ी केन्द्रों में से एक हजार 586 आंगनबाड़ी कार्यकर्ता और एक हजार 419 सहायिकाएं शामिल हुई हैं। श्री किस्पोट्टा ने बताया कि 830 आंगनबाड़ी केन्द्रों का संचालन पहले की तरह ही नियमित रूप से आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं और सहायिकाओं द्वारा किया जा रहा है। जिला कार्यक्रम अधिकारी ने बताया कि जिन आंगनबाड़ी केन्द्रों की कार्यकर्ता-सहायिका हड़ताल पर हैं, उन केन्द्रों में वैकल्पिक व्यवस्था के तहत महिला स्वसहायता समूहों और महिला शक्ति केन्द्रों की वॉलेंटियर्स के सहयोग से गर्म पका भोजन एवं पोषण आहार का वितरण तथा अन्य सुविधाएं भी हितग्राहियों को उपलब्ध कराई जा रही हैं।