महासमुंद में 2 करोड़ रुपए से ज्यादा का गांजा जप्त, दो तस्कर गिरफ्तार, ओडिशा से हो रही थी तस्करी.


महासमुंद (सेंट्रल छत्तीसगढ़):- केंद्र छत्तीसगढ़ पुलिस नशे के अवैध कारोबार (illegal drug trade ) के खिलाफ तेजी से कार्रवाई कर रही है.पुलिस ने 2 करोड 60 लाख (Ganja worth more than two crores seized) रुपए के 13 क्विंटल गांजा के साथ दो आरोपियों को गिरफ्तार किया है.दोनों आरोपी ट्रक में गोभी के नीचे गांजा छुपाकर ओडिशा से उत्तर प्रदेश ले जा रहे थे.जिसे पुलिस ने टेमरी नाका से गिरफ्तार किया है.

आरोपियों में आतिश सिंह यूपी के बलिया का रहने वाला है जबकि हरिलाल बिहार के गोपालगंज का निवासी है. पुलिस ने दोनों आरोपियों के पास से 50 बोरी गांजा और 7 हजार से ज्यादा कैश बरामद किया है. पुलिस को मुखबिर से सूचना मिली थी कि एक ट्रक महासमुंद से उत्तर प्रदेश होते हुए दिल्ली जा रहा है. जिसके बाद पुलिस ने जांच की और गांजे की तस्करी का खुलासा हुआ.

उत्तर प्रदेश और बिहार से जुड़े हैं तस्करी के तार

खरियाररोड की तरफ से एक ट्रक महासमुंद की ओर आ रही थी.जिसे पुलिस ने टेमरी नाका पर रोका.वहीं एक व्यक्ति वाहन से उतर कर खेतों की तरफ भागने लगा.पुलिस ने जब उससे पकड़कर पूछाताछ की तो उसने अपना नाम अतिश कुमार सिंह निवासी बलिया,उत्तर प्रदेश का रहने वाला बताया.वहीं दूसरे व्यक्ति ने अपना नाम हरिलाल निवासी गोपालगंज,बिहार का रहने वाला बताया.

13 क्विंटल गांजा जब्त

पुलिस ने जब ट्रक की तलाशी ली तो वाहन गोभी की सब्जियों से भरा हुआ था.पुलिस ने गोभी हटाकर देखा तो नीचे 50 बोरियों मे 13 क्विंटल गांजा (13 quintal ganja) मिला. पुलिस ने तत्काल दोनों को गिरफ्तार कर लिया है.

रायपुर से जब्त किया गया था 7 क्विंटल गांजा

24 जून को रायपुर के सरस्वती नगर से पुलिस ने 7 क्विंटल गांजा (Hemp seized in raipur ) जब्त किया है. IPS अंकिता शर्मा की टीम ने इस कार्रवाई को अंजाम दिया. रायपुर के सरस्वती नगर थाने से यह गांजे की खेप बरामद हुई है. जब्त गांजे की कीमत 35 लाख रुपये बताई जा रही है. पुलिस तस्करों के नेटवर्क को खंगालने में जुटी है.

क्या है एनडीपीएस एक्ट (NDPS ACT) ?

छत्तीसगढ़ में नशे के कारोबार के खिलाफ पुलिस लगातार बड़ी कार्रवाई को अंजाम दे रही है. इस दौरान पुलिस NDPS एक्ट के तहत कार्रवाई करती है. (NDPS Act ) ऐसे में यह जानना जरूरी है कि आखिर एनडीपीएस एक्ट क्या है? (What is NDPS Act )

NDPS एक्ट का मतलब नारकोटिक ड्रग्स एंड साइकोट्रोपिक सब्सटेंस एक्ट है. इस कानून को नशीली दवा और मादक पदार्थ अधिनियम 1985 भी कहा जाता है. हिंदी में इसे स्वापक औषधि और मन प्रभावी अधिनियम 1985 कहते हैं. क्योकि साल 1985 में इसे पास किया गया था. इसे नशीले पदार्थों के सेवन, बेचने और बनाने से रोकने के लिए तैयार किया गया. कानून भारत में व्यक्ति को मादक दवाओं को बनाने, उत्पादन करने, खेती करने, स्वामित्व रखने, खरीदी करने,भण्डारण करने, परिवहन करने और उपभोग करने के लिए पूरी तरह प्रतिबंधित करता है. सरकार एनडीपीएस एक्ट के तहत नशीले पदार्थों पर नियंत्रण करती है. क्योंकि कई नशीले पदार्थों का उत्पादन किया जाता है. इस कानून में 3 बार बदलाव भी किए जा चुके हैं. साल 1988, 2001 और साल 2014 में बदलाव किए गए हैं.