पेण्ड्रा ( सेन्ट्रल छत्तीसगढ़ ) : मरवाही वन मंडल में 1 सप्ताह से अधिक दिनों से 43 का दल मौजूद है. वहीं, हाथियों का यह दल जंगलों से निकल कर रात के समय गांव में घुस जा रहा है और जमकर उत्पात मचा रहें है. इन हाथियों की मौजूदगी से गांव के लोग दहशत में रतजगा करने को मजबूर हैं. रात होते ही घर से निकलकर ग्रामीण दूसरों के घरों में रात काटते हैं.
मरवाही वन मंडल भालू लैंड के नाम से मशहूर है. लेकिन बीते कुछ सालों से अब भालू लैंड में भालूओ की आतंक के साथ ही अब हाथियों का आतंक देखने को मिल रहा है. एक सप्ताह पूर्व से 43 हाथियों का दल मरवाही वन मण्डल में डेरा जमाया हुआ है. हाथियों का दल दानिकुंडी नाका गांव में एक सप्ताह तक उत्पात मचाया. जहां कई ग्रामीणों के घरों को तोड़ दिया. वहीं, कई किसानों के फसलों को रौंदा है.
ग्रामीणों का घरों में रहना मुश्किल
हाथियों के झुंड का गुरुवार देर रात पेण्ड्रा के दमदम और मड़ई ग्राम में उत्पात जारी रहा. जहां देर रात जंगल के पास मकान बना कर रह रहे नीलचंद पुरी के घर में घुस गया और घर में रखे अनाज को चट कर दिया. गजराज की मौजूदगी से ग्रामीण रात भर डर के साये में जी रहे हैं. हाथियों को भगाने के लिये आग का सहारा ले रहे हैं. पैरावट में आग लगा कर हाथियों को खदड़ने की मंशा से ग्रामीण जद्दोजहद कर रहे हैं.
दमदम, मड़ई के अलावा दूसरे गांवों से लोग दहशत में जी रहे हैं. वन विभाग अब तक हाथियों को खदेड़ने की दिशा में ठोस रणनीति नहीं बना पा रहा. जमीनी अमला के भरोसे गजराज के उत्पात से राहत पाने में लगा हुआ है. इसके कारण ग्रामीणों में वन विभाग के प्रति नाराजगी भी देखी जा रही है. ग्रामीण भी अब बोलने लगे है कि कब उन्हें इन हाथियों के उत्पात से छुटकारा मिलेगा.