

रायपुर(सेंट्रल छत्तीसगढ़): ‘सत्य ही मानव का आभूषण है’, ‘मनखे-मनखे एक समान’, सत्य और अहिंसा का संदेश जन-जन तक पहुंचाने वाले संत शिरोमणि बाबा गुरु घासीदास की आज 265वीं जयंती (guru ghasidas jayanti 2021)है. हर साल 18 दिसंबर को सतनामी समाज की ओर से बाबा गुरु घासीदास बाबा की जयंती धूमधाम से मनाई जाती है. समाज के लोग दूर-दूर से छत्तीसगढ़ के बलौदाबाजार जिले के गिरौदपुरी धाम (Giroudpuri Dham of balodabazar) बाबा के दर्शन करने आते हैं.
18 दिसंबर 1756 को कसडोल ब्लॉक के छोटे से गांव गिरौदपुरी में एक अनुसूचित जाति परिवार में पिता महंगूदास और माता अमरौतिन बाई के यहां बाबा गुरु घासीदास का जन्म हुआ था. घासीदास के जन्म के समय समाज में छुआछूत और भेदभाव चरम पर था. कहा जाता है कि बाबा का जन्म अलौकिक शक्तियों के साथ हुआ था. घासीदास ने समाज में व्याप्त बुराइयों को जब देखा तब उनके मन में बहुत पीड़ा हुई तब उन्होंने समाज से छुआछूत मिटाने के लिए ‘मनखे-मनखे एक समान’ का संदेश दिया.
सतनामी समाज के जनक
जोंक नदी के संगम पर स्थित गिरौदपुरी धाम में जन्में बाबा को सतनामी समाज का जनक कहा जाता है. उन्होंने समाज को सत्य और अहिंसा के रास्ते पर चलने का उपदेश दिया. उन्होंने मांस और मदिरा सेवन को समाज में पूरी तरह से बंद करवा दिया था. उनके द्वारा दिये गए उपदेश को जिसने आत्मसात कर जीवन में उतारा उसी समाज को आगे चलकर सतनामी समाज के रूप में जाना जाने लगा.
होती है मन्नत पूरी
कहा जाता है कि गिरौदपुरी धाम में बुधारू नामक व्यक्ति को जब जहरीले सर्प ने काटा तब बाबा ने उनके ऊपर जल छिड़ककर उनको दोबारा जीवित कर दिया था. इस चमत्कार के बाद समाज बाबा को भगवान की तरह पूजने लगा. मान्यता है कि बाबा को स्मरण कर जो मन्नत मांगी जाती है, उसे वे पूरा करते हैं. मन्नत पूरा होने पर श्रद्धालु जमीन में लोटते हुए उनके द्वार तक पहुंचते हैं.
सत्य और अहिंसा का संदेश
घासीदास की जन्मस्थली गिरौदपुरी धाम में हर साल उनके वंशज और धर्म गुरु मुख्य मंदिर में पालो चढ़ावा करते हैं. बाबा की वंदना पंथी नृत्य के माध्यम से होता है. गिरौदपुरी धाम में सत्य और अहिंसा का संदेश देने के लिए दिल्ली के कुतुबमीनार से भी ऊंचे श्वेत जैतखाम का निर्माण किया गया है. इस खूबसूरत जैतखाम की ऊंचाई 77 मीटर है.
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने सतनाम पंथ के प्रवर्तक बाबा गुरू घासीदास जी की जयंती पर प्रदेशवासियों को बधाई और शुभकामनाएं दी हैं. उन्होंने कहा है कि बाबा गुरू घासीदास जी का जीवन दर्शन और विचार मूल्य पूरी मानव जाति के लिए कल्याणकारी है और अनुकरणीय हैं.
