कोरबा(सेंट्रल छत्तीसगढ़):-कलेक्टर रानू साहू ने आज कलेक्टोरेट सभाकक्ष में समय सीमा की साप्ताहिक बैठक में विभिन्न विभागों की शासकीय योजनाओं और कार्यक्रमों की प्रगति की समीक्षा की। श्रीमती साहू ने भूमिहीन कृषि मजदूर न्याय योजना के तहत मिले आवेदनों का गंभीरता से घर-घर जाकर सत्यापन करने के निर्देश पंचायत एवं ग्रामीण विकास तथा राजस्व विभाग के अधिकारियों को दिए। उन्होंने सत्यापन के दौरान हितग्राही के घर की स्थिति, पारिवारिक पृष्ठभूमि, राजस्व रिकॉर्ड अनुसार परिवार की स्वामित्व या पट्टे से मिली भूमि के साथ-साथ आजीविका के साधन और घर में वाहन आदि के बारे में भी विस्तृत जानकारी लेने के निर्देश अधिकारियों को दिए। कलेक्टर ने कहा कि राज्य शासन की योजना का मुख्य उद्देश्य गरीब भूमिहीन खेतीहर मजदूरों को सहायता पहुंचाना है और इसके लिए कोई भी पात्र व्यक्ति छुटना नहीं चाहिए। कलेक्टर ने भूमिहीन कृषि मजदूरों के पंजीयन के लिए आवेदन लेने की गति बढ़ाने के भी निर्देश दिए। उन्होंने मिले आवेदनों में दी गई जानकारी का सत्यापन भी तेजी से करने के निर्देश दिए। बैठक में नगर निगम के आयुक्त श्री कुलदीप शर्मा सहित सभी अनुविभागों के एसडीएम, तहसीलदार एवं सभी विभागों के जिला स्तरीय अधिकारी भी शामिल हुए।
जनसमस्याओं से जुड़े लंबित प्रकरणों का शीघ्रता से हो समाधान, ऑनलाइन पोर्टल में भी जानकारी दर्ज करें –
समय सीमा की साप्ताहिक बैठक में कलेक्टर श्रीमती रानू साहू ने जनसमस्याओं से जुड़े लंबित प्रकरणों की भी समीक्षा की। उन्होंने प्रधानमंत्री पोर्टल मुख्यमंत्री जनचौपाल पोर्टल, मुख्य सचिव कार्यालय से प्राप्त प्रकरण, मुख्यमंत्री सचिवालय से प्राप्त प्रकरणों सहित जिला स्तर पर मिले सभी लंबित प्रकरणों का तेजी से निराकरण करने के निर्देश अधिकारियों को दिए। कलेक्टर ने ऐसे प्रकरणों पर त्वरित कार्रवाई के लिए समय सीमा निर्धारित करने के निर्देश दिए। उन्होंने अगले एक हफ्ते में ऐसे लंबित 50 प्रतिशत से अधिक प्रकरणों का समाधान करने को भी कहा। श्रीमती साहू ने न्यायालयों में चल रहे प्रकरणों में निर्धारित समय सीमा में जवाब-दावा भी प्रस्तुत करने को कहा। श्रीमती साहू ने यह भी कहा कि संबंधित प्रभारी अधिकारियों द्वारा यदि न्यायालयीन प्रकरणों में दावा आपत्ति प्रस्तुत करने में लापरवाही बरती जाती है और शासन का पक्ष कमजोर होता है तो ऐसे प्रकरणों में व्यक्तिगत जिम्मेदारी तय की जाएगी।
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प्राकृतिक आपदाओं से क्षति पर मिले मुआवजे का होगा वैरिफिकेशन –
बैठक में कलेक्टर ने प्राकृतिक आपदाओं से क्षतिपूर्ति-मुआवजे का भुगतान प्रभावित व्यक्ति को होने सत्यापन कराने के भी निर्देश जनपद पंचायतों के मुख्य कार्यपालन अधिकारियों को दिए। उन्होंने राहत शाखा प्रभारी अधिकारी को ऐसे सभी प्रभावितों की सूची मोबाइल नंबर सहित जिला स्तरीय कॉल सेंटर को भी उपलब्ध कराने को कहा। कॉल सेंटर में तैनात कर्मचारी प्रभावित व्यक्ति से व्यक्तिगत फोन कर मुआवजा मिलने के बारे में जानकारी लेगा और इसका प्रतिवेदन कलेक्टर के समक्ष प्रस्तुत करेगा। गौरतलब है कि कलेक्टर श्रीमती साहू की संवदेनशील पहल पर पिछले पांच सालों से लंबित प्राकृतिक आपदा के क्षतिपूर्ति प्रकरणों को तीन महीने में निराकृत किया गया है और 366 प्रकरणों में पांच करोड़ 74 लाख रूपए से अधिक की क्षतिपूर्ति राशि प्रभावित परिवारों को स्वीकृत कर वितरित की गई है। राजस्व पुस्तिका परिपत्र 6-4 के तहत प्राकृतिक आपदाओं से जनहानि, पशुहानि, फसल क्षति, मकान क्षति आदि प्रकरणों में त्वरित रूप से जरूरी दस्तावेज और अन्य कार्रवाईयां पूरी कर क्षतिपूर्ति राशि दी गई है।