नई दिल्ली : दवा निर्माता जिडस कैडिला (Zydus Cadila) ने जानकारी दी है कि उसने अपनी कोविड-19 वैक्सीन ZyCoV-D का मानव परीक्षण शुरू कर दिया है. यह परीक्षण कई चरणों में होगा. इसमें देशभर में विभिन्न हिस्सों से 1,000 लोगों को शामिल किया जाएगा.
कंपनी ने अपने बयान में कहा कि परीक्षण का पहला चरण (adaptive phase I/ II ) शुरू हो गया है. इस दौरान धीरे-धीरे वैक्सीन की डोज को बढ़ाया जाएगा और अध्ययन से वैक्सीन कितनी सुरक्षित व सहने योग्य है इसका पता लगाया जाएगा. अध्ययन का एक मुख्य बिंदु प्रतिरक्षण क्षमता भी होगा.
इस माह की शुरुआत में जिडस कैडिला को मानव परीक्षण के लिए अनुमति मिली थी. कोरोना वैक्सीन का परीक्षण करने वाली जिडस दूसरी भारतीय कंपनी है.
इससे पहले मंगलवार को भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) ने कहा कि कोविड-19 टीके का देश में मानव परीक्षण शुरू हो गया है. देश में विकसित दो टीकों के परीक्षण की कवायद में लगभग एक हजार स्वयंसेवी शामिल हो रहे हैं.
पढ़ें-कोविड-19 की वैक्सीन बनाना चुनौतीपूर्ण कार्य : डॉ कृष्णा एल्ला
आईसीएमआर के महानिदेशक डॉ. बलराम भार्गव ने देश में विकसित दो टीकों का संदर्भ देते हुए कहा कि क्योंकि भारत दुनिया में सबसे बड़े टीका निर्माताओं में से एक है, इसलिए कोरोना वायरस प्रसार की कड़ी को तोड़ने के लिए टीका विकास प्रक्रिया को तेज करना देश का ‘नैतिक दायित्व’ है.
भारत के औषधि महानियंत्रक (डीसीजीआई) ने दो टीकों के पहले और दूसरे चरण के मानव परीक्षण की अनुमति दे दी है. इनमें से एक टीका भारत बायोटेक इंटरनेशनल लिमिटेड ने आईसीएमआर के साथ मिलकर विकसित किया है, जबकि दूसरा टीका जिडस कैडिला हेल्थकेयर लिमिटेड ने तैयार किया है.
बता दें कि देश में 9.36 लाख से ज्यादा लोग कोरोना वायरस से संक्रमित हैं. इनमें से 24 हजार से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है.